Azam Khan: आजम खान आज होंगे रिहा, आधी रात सीतापुर जेल पहुंचा रिहाई का आदेश
आजम खान 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं. उनके ऊपर 88 मामले दर्ज हैं जिनमें से 87 में पहले ही जमानत मिल चुकी थी.
Azam Khan: 27 महीने बाद जेल से रिहा होंगे सपा नेता, पहले भी काट चुके हैं 19 माह की जेल
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामपुर के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है.
Azam Khan Bail: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को दी अंतरिम जमानत
Azam Khan Gets Bail: सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान (Azam Khan) को अंतरिम जमानत दे दी है. अभी वह रामपुर जेल में बंद हैं.
Azam Khan का क्या होगा? अंतरिम जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
Azam Khan Bail Plea: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आजम खान की जमानत याचिका पर फैसला कर चुका है और गुरुवार को यह फैसला सुनाया जाएगा.
Azam Khan पर कसा शिकंजा, प्रशासन ने जब्त की जौहर यूनिवर्सिटी की 250 बीघा जमीन
Azam Khan Land Ocupied: सपा विधायक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. उनकी जौहर यूनिवर्सिटी की 250 बीघा जमीन को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया.
Azam Khan पर मायावती के बयान से बढ़ी हलचल, यूपी में नए राजनीतिक समीकरण के मिल रहे हैं संकेत
मायावती ने आजम खान को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद हमदर्दी जताई है. अखिलेश-आजम टकराव के बाद यह बयान काफी महत्व रखता है.
Azam Khan के समर्थन में उतरीं मायावती, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बोला हमला
Azam Khan का समर्थन करते हुए बीएसपी चीफ मायावती ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोल दिया है और कहा है कि न्याय का गला घोंटा जा रहा है.
Azam Khan Bail: हाई कोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन अभी क्यों नहीं छूटेंगे सपा नेता?
Azam Khan Bail एसपी विधायक को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बेल मिल गई है लेकिन फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा. 87 में से 86 मामलो में जमानत मिल गई है.
National Building Code क्या होता है जिसमें दोषी करार दिए गए सपा विधायक AZAM Khan
Azam Khan को एमपी-एमएलए कोर्ट ने National Building Code का गलत सर्टिफिकेट देने के मामले में दोषी पाया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने वारंट जारी किया है.
Azam Khan की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, 11 मई तक टली सुनवाई
5 महीने से आदेश लंबित होने पर Supreme Court ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बताया है.