हिंदू धर्म में हर मंत्र की शुरुआत 'ૐ' से होती है. यह केवल एक ध्वनि नहीं, बल्कि संपूर्ण जगत का प्रतीक है, जब हम 'ૐ' का उच्चारण करते हैं तो एक अद्भुत ऊर्जा का एहसास होता है. यह ध्वनि ब्रह्मांड द्वारा उत्पन्न पहली ध्वनि है और इसमें सभी वेदों और तपस्वियों का सार शामिल है.
मंत्रों के साथ 'ૐ' क्यों जुड़ा है?
किसी भी मंत्र के पहले 'ૐ' लगाने से उसकी शक्ति और प्रभाव बढ़ जाता है. यह मंत्र को शुद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार 'ૐ' के बिना कोई भी मंत्र अधूरा माना जाता है. इसके साथ किसी मंत्र का जाप करने से उस मंत्र को विशेष गति मिलती है और वह सिद्ध हो जाता है.
मंत्र जप में शुद्धि कारक
मंत्र जप के दौरान किसी भी अशुद्धता को दूर करने के लिए 'ૐ' का प्रयोग किया जाता है. यदि जप से कोई त्रुटि रह जाए तो 'ૐ' उसे दूर कर देता है. मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को अपराध का भय नहीं रहता है. इसके लिए प्रत्येक मंत्र के पहले 'ૐ' लगाया जाता है.
भगवत गीता में 'ૐ' का उल्लेख
'ૐ' की महिमा का वर्णन भगवत गीता और अन्य ग्रंथों में भी किया गया है. कहा गया है कि 'ૐ' मंत्र के साथ मंत्र का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इससे मंत्र की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. 'ૐ' का उच्चारण धर्मशास्त्रों के पाठ के समान फलदायी और मनोकामना पूर्ण करने वाला है.
अन्य धर्मों में 'ૐ' का स्थान
न केवल सनातन धर्म, बल्कि भारत की अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में भी 'ૐ' को प्रमुख स्थान दिया गया है. यह शब्द एकता, शांति और ध्यान का प्रतीक है. विभिन्न योग और ध्यान प्रक्रियाओं में 'ૐ' का उच्चारण करने से शरीर और मन शांत होता है.
ॐ' का जाप करने से कई मानसिक फ़ायदे होते हैं:
- तनाव और चिंता कम होती है: कई अध्ययनों से पता चला है कि 'ॐ' का जाप करने से तनाव और चिंता कम होती है.
- मन शांत होता है: 'ॐ' का जाप करने से मन शांत होता है और तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी मन शांत रहता है.
- नींद बेहतर होती है: 'ॐ' का जाप करने से नींद बेहतर आती है और स्लीप पैटर्न में सुधार होता है.
- इमोशन में बैलेंस रहता है: 'ॐ' का जाप करने से भावनाएं संतुलित होती हैं और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहने में मदद मिलती है.
- फ़ोकस बेहतर होता है: 'ॐ' का जाप करने से मेमोरी पावर और कंसंट्रेशन में सुधार होता है.
- पॉज़िटिविटी बढ़ती है: 'ॐ' का जाप करने से नेगेटिव विचार दूर होकर पॉज़िटिविटी बढ़ती है.
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है: 'ॐ' का जाप करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.
- दिल की धड़कन और रक्तसंचार व्यवस्थित होता है: 'ॐ' का जाप करने से दिल की धड़कन और रक्तसंचार व्यवस्थित होता है.
- मानसिक बीमारियां दूर होती हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ या किसी चिकित्सक से संपर्क करें.)
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जप करते समय हमेशा 'ૐ' पहले क्यों बोला जाता है? इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?