माणिक्य को रत्नों का राजा कहा जाता है. इसके सौंदर्य मूल्य के साथ-साथ भौतिक और आध्यात्मिक गुण इसे अत्यधिक बेशकीमती रत्न बनाते हैं. इतिहास कहता है कि यह पहनने वाले के लिए धन और शक्ति लाता है. ज्योतिषियों के अनुसार माणिक्य रत्न को उंगली में धारण करने से कई लाभ मिलते हैं.
माणिक्य रत्न आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाता है. यह पहनने वाले को नेतृत्व शक्ति प्रदान करता है. इस बीच हर किसी को माणिक्य रत्न नहीं पहनना चाहिए. किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही इसे उंगली में धारण करना चाहिए. आइए जानते हैं माणिक्य रत्न पहनने से क्या फायदे होते हैं.
माणिक्य धारण करने के फायदे
माणिक्य या माणिक्य सरकारी एवं प्रशासनिक कार्यों में सफलता दिलाता है. यदि यह लाभकारी है तो आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी, अन्यथा आपको सिरदर्द होगा और पारिवारिक समस्याएं भी बढ़ेंगी. आपको बदनामी का सामना करना पड़ सकता है.
स्वास्थ्य सुविधाएं
माणिक रत्न आपके रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है और हृदय रोगों को कम करने में भी मदद करता है. इसके सेवन से आंतों का बेहतर विकास होता है, पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है और आंतों के संक्रमण को भी ठीक किया जा सकता है.
मानसिक तनाव
रूबी किसी भी पहनने वाले को मानसिक संतुलन, मन की शांति और स्थिरता प्रदान करती है. यह तनाव को कम करने में बेहद मददगार है और अवसाद और व्यक्तित्व समस्याओं जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याओं को हल करने में भी मदद कर सकता है. माणिक्य धारण करने से आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
सफलता एवं सामाजिक सम्मान
माणिक्य रत्न व्यक्ति को सफलता और सम्मान के द्वार तक ले जाता है. इसी कारण इसे "राजरत्न" भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति को राज्य प्राप्ति में सहायता करने में सक्षम है. रूबी व्यक्ति को बड़े पैमाने पर सोचने की क्षमता देती है और नए व्यावसायिक अवसरों की पहचान करने में मदद करती है.
धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभ
माणिक रत्न पहनने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से भी बहुत उज्ज्वल होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह रत्न मानसिक शांति, आध्यात्मिक प्रगति और आशा प्रदान करता है.
सूजन रोधी गुण
माणिक में पाई जाने वाली धातुएं इसे बहुत मजबूत रत्न बनाती हैं. साथ ही इसमें पाए जाने वाले खनिज मानव शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता देते हैं. इसके सेवन से रक्त संचार को बढ़ाया जा सकता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
इस राशि के लोगों को माणिक्य रत्न नहीं पहनना चाहिए
ज्योतिषियों के अनुसार मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों को माणिक्य नहीं पहनना चाहिए. इसके अलावा जो लोग लोहे, तेल या कोयले से संबंधित काम करते हैं उन्हें भी यह रत्न पहनने से बचना चाहिए. इन लोगों को माणिक्य रत्न पहनने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं.
माणिक्य रत्न क्यों पहना जाता है
यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है या किसी शत्रु ग्रह के साथ बैठा है तो आप इसे मजबूत करने के लिए ज्योतिषी की सलाह के अनुसार माणिक रत्न पहनकर अपनी किस्मत चमका सकते हैं क्योंकि माणिक रत्न पहनने से आपकी किस्मत चमक सकती है. सूर्य, जातक को प्रशासन सहित उच्च क्षेत्र में अच्छा पद एवं सम्मान प्राप्त होगा.
माणिक के उपरत्न
लाल गार्नेट तमारा या ताम्रमणि है, लाल टूमलाइन लाल तुरमली है, स्पिनल या स्पिनल कंटकीज़ है, लाल स्वारोवस्की, लालडी या सूर्यमणि, सिंगली और सूर्यशम सभी माणिक के उपरत्न माने जाते हैं. शुद्ध तांबे की अंगूठी भी सूर्य की पीड़ा को शांत कर सकती है.
माणिक्य को किस धातु और उंगली में धारण करना चाहिए?
माणिक को तांबे या सोने की अंगूठी में स्थापित करके अनामिका उंगली में पहना जाता है. सभी माणिक्य रत्नों को चांदी में धारण किया जा सकता है.
रूबी का प्रभाव
माणिक का प्रभाव अंगूठी में डालने के बाद से 4 साल तक रहता है, जिसके बाद दूसरा माणिक डालना चाहिए. उपरोक्त उपरत्नों पर भी यही नियम लागू होते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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