डीएनए हिंदी: आध्यात्मिकता (Spirituality) किसी धर्म या जाति को डिफाइन नहीं करती है. आध्यात्मिकता मतलब अपने अंदर जाने (Inner Journey) का एक सफर. यह एक ऐसा सफर है जो आपको खुद से मिलने का मौका देता है. अपना और परमात्मा (God's Identity) का परिचय करवाती है. आध्यात्मिकता जिंदगी जीने की कला सिखाती है. हर इंसान अंदर से आध्यात्मिक होता है बस जरूरत होती है तो उस स्वरूप को पहचानने की.
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Prajapita Brahmakumaris Ishwariya Vishwavidyalaya) यही कार्य सालों से करता आ रहा है. इस विश्वविद्यालय ने अब तक लाखों लोगों को आध्यात्मिकता का पाठ पढ़ाया है और जीवन को नई दिशा दी है. नव निवार्चित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है.इस संस्था ने उन्हें नया जीवन दिया. अपने परिवार में सब कुछ खोने के बाद दूसरी जिंदगी पाना और आज राष्ट्रपति पद पर बैठना, ये सब ब्रह्माकुमारीज की शिक्षाओं की वजह से ही संभव हो पाया है. ये बातें उन्होंने खुद स्वीकार की है. आध्यात्मिकता ने कैसे उनका जीवन बदला इस बारे में उन्होंने विस्तार से अपना अनुभव सुनाया है.
आज की जरूरत है आध्यात्मिकता (Spirituality is the need of the Era)
विश्व में आज सबसे ज्यादा जिस चीज की आवश्यकता है वो है शांति (Peace and Prosperity) और सौहार्द. बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई अंदर से अशांत है. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोगों के पास अपने लिए वक्त ही नहीं है कि वो शांति से बैठकर अपने अंदर झांके और खुद से बातें करे. इसलिए मानसिक रूप (Mental Health) से हर कोई परेशान है और तनाव ग्रस्त (Depression) भी है. आध्यात्मिकता आपको हर परिस्थिति से लड़ने की ताकत देती है क्योंकि जब इंसान खुद के अंदर झांकता है तो उसे हर उस शक्ति का एहसास होता है जो उसके पास है लेकिन वो भूल गया है.
आध्यात्मकिता एकाग्र शक्ति (Concentration power) को इतना बढ़ा देती है कि इंसान किसी भी परिस्थिति से हंसकर मुकाबला करने के लिए तैयार हो जाता है. उसका अपनी भावनाओं पर इतना कंट्रोल होता कि वो सही समय पर धैर्य रखकर फैसले ले पाता है. आध्यात्मकिता आत्मा की ज्योति को जगा देती है, जिसकी वजह से आप सही और गलत की पहचान कर पाते हैं. आपके अंदर चल रहे नेगेटिव थॉट भी पॉजिटिव में (Positive thoughts) बदल जाते हैं. आप अपने अंदर एक ऊर्जा महसूस करते हैं और दूसरों को भी वही प्रकाश देने की कोशिश करते हैं
आत्मा को भोजन है आध्यात्मिकता (Spirituality is the food of Soul)
कई संस्थाएं विश्व कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन अगर ब्रह्माकुमारीज की बात करें तो यह विश्व की पहली ऐसी संस्था है जो महिलाओं द्वारा संचालित होती है और यहां राजयोग सिखाया जाता है. योग के बारे में हर कोई जानता है लेकिन राजयोग मेडिटेशन (Meditation) एक ऐसा योग है जो न सिर्फ आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाता है बल्कि आपको जीवन की हर परिस्थिति से शांत मन से लड़ना सिखाता है, खुद पर नियंत्रण करना सिखाता है, अपनी कर्मेंद्रियों पर जीत हासिल करना सिखाता है. आत्मा के अंदर शक्ति प्रदान करता है. यह योग अभ्यास नहीं है बल्कि जीवन जीने की एक कला है. आज हर किसी को अपने जीवन में इस मेडिटेशन की जरूरत है.
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ब्रह्माकुमारीज संस्थान की सीनियर राजयोगा टीचर (Senior Rajyoga Teacher) और मोटिवेशनल स्पीकर बीके उषा (Bk Usha) जो पिछले 50 सालों से संस्था से जुड़ी हैं और आध्यात्मिकता का अभ्यास करती हैं और लाखों स्टूडेंट्स को कराती हैं, उनका कहना है कि ये संस्था एक पाठशाला (Educational Institute) है जहां आध्यात्मिकता की शिक्षा दी जाती है. आज की जिंदगी में हर किसी को हर कुछ कहीं ना कहीं मिल जाता है लेकिन फिर भी उनका मन खाली है क्योंकि उनके अंदर नेगेटिव विचार इतने ज्यादा हो गए हैं कि आत्मा की शक्ति खत्म हो गई है
Spiritual immunity
जैसे लोगों को फीजिकल इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने की जरूरत है ठीक वैसे ही स्पिरिच्युल इम्यूनिटी (Spiritual Immunity) को भी ताकतवर बनाने की जरूरत है. आध्यात्मिकता आत्मा का भोजन है,जब तक आत्मा को भोजन नहीं मिलेगा उसे दुनिया से लड़ने की ताकत कहां से मिलेगी. ये संस्था एजुकेशनल गुड्स देती है, हर इंसान को इसकी आवश्यकता है. अगर हम बचपन से ही इन शिक्षाओं को जीवन में धारण करते हैं तो आगे चलकर जीवन की कई राहें आसान हो जाती हैं.
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हम खुद को व्यर्थ विचारों से दूर रख पाते हैं और कोई भी परेशानी बड़ी नहीं लगती है. आज की मॉर्डन लाइफ में हर कोई डिप्रेशन (Depression) से जूझ रहा है, इस डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए राजयोग का अभ्यास बहुत जरूरी है और यहां यही सिखाया जाता है. यह संस्था विश्व कल्याण और शांति का संदेश फैलाने के लिए कार्य़ करती है.
क्या है ब्रह्माकुमारीज (What is Brahmakumaris)
साल 1937 में स्थापित हुए इस विश्वविद्यालय (University) के आज लगभग 9200 सेवाकेंद्र हैं और करीब 140 देशों में इसकी शाखा खुल गई हैं. यह स्वयं में विश्व परिवर्तन का एक मुख्य संकेत है की यह सन्देश आज घर घर में अनेक माध्यम से पहुंच रहा है. इस संस्था को चलाने के पीछे आत्मिक शक्ति कार्य करती है जो परमात्मा से योग लगाने से मिलती है.अगर हम अपने भीतर की शक्तियों को पहचान लें तो जीवन की सारी परेशानियां आसान हो जाएंगी
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President Droupadi Murmu को यहां से मिलती है पॉजिटिविटी, ब्रह्माकुमारीज के बारे में जानिए विस्तार से