Auspicious Direction To Sit While Eating- किसी भी काम को करने से पहले या करने के दौरान वास्तु शास्त्र से जुड़े नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी माना जाता है, क्योंकि इसका शुभ-अशुभ प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है. ऐसे ही कुछ नियम भोजन को लेकर बताए गए हैं, आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में...
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मानसिक शांति के लिए पूर्व दिशा में बैठकर भोजन करना शुभ माना जाता है, इस दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है. इस दिशा की ओर मुंह करके खाने से मेंटल स्ट्रेस दूर होता है और बीमारियों का जोखिम कम होता है. ऐसे में स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजना करना चाहिए.
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इसके अलावा उत्तर दिशा में बैठकर भोजन करना भी शुभ माना जाता है, इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है. इस दिशा को धन और विद्या से जुड़े कामों के लिए भी अनुकूल माना जाता है. इस ओर मुंह करके खाने से पैसों और पढ़ाई से जुड़े कामों में सफलता मिल सकती है. इससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.
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दक्षिण दिशा में बैठकर भोजन करना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिशा को यमराज से जोड़कर देखा जाता है. इस दिशा में खाना खाने से जीवन में निगेटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस दिशा में बैठकर भोजन करने से बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं और सेहत पर भी बुरी असर पड़ता है.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन हमेशा जमीन पर आसन लगाकर बैठकर करना चाहिए, बिस्तर पर बैठकर भोजन करना अशुभ माना जाता है. इसलिए भूलकर भी बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे घर की सुख-समृद्धि चली जाती है और घर में कंगाली आती है.
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इसके अलावा भोजन करने से पहले हाथ, पैर और मुंह धोकर शुद्ध हो जाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें और भोजन हमेशा शांत वातावरण में और एकाग्रता से करें. समय शांत वातावरण में और एकाग्रता से भोजन करना चाहिए. झुककर या लेटकर खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)