महाभारत युद्ध में शुरू से अंत तक पांडवों के सेनापति धृष्टद्युम्न रहे. धृष्टद्युम्न पांचाल के राजा द्रुपद के पुत्र और द्रौपदी के जुड़वां भाई थे. कहते हैं के पांचाल नरेश द्रुपद ने पांडवों के गुरु द्रोण से अपने अपमान का बदला लेने के लिए यज्ञ किया था. उसी यज्ञ की पवित्र अग्नि से धृष्टद्युम्न का जन्म हुआ था. द्रौपदी भी इसी अग्नि से पैदा हुई थीं.

दरअसल द्रोणाचार्य और द्रुपद बचपन के मित्र थे. एक दिन जब द्रोणाचार्य राजा द्रुपद से मिलने गए तो द्रुपद ने उनका बहुत अपमान किया. इस अपमान से आहत द्रोण हस्तिनापुर आ गए. यहां भीष्म के कहने पर उन्होंने पांडव और कौरवों को अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिया और गुरुदक्षिणा में राजा द्रुपद को बंदी बनाकर लाने को कहा. कौरव इस काम में असफल हुए, पर पांडव अपने पराक्रम से राजा द्रुपद को बंदी बना लाए. इस तरह द्रोणाचार्य ने अपने अपमान का बदला लिया. लेकिन इस बात के बाद द्रुपद ने द्रोणाचार्य से बदला लेने की ठान ली और यज्ञ कर धृष्टद्युम्न नाम का पुत्र पाया. महाभारत युद्ध में यही धृष्टद्युम्न पांडव सेना के सेनापति बनाए गए.

महाभारत युद्ध में द्रोणाचार्य की व्यूह रचना से कौरव सेना तहस-नहस हो गई. ऐसे में युद्ध के 15वें दिन श्रीकृष्ण के कूटनीतिक सुझाव पर यह बात प्रसारित की गई कि अश्वत्थामा मारा गया. यह बात द्रोणाचार्य के कान में भी पड़ी, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं हुआ, तब उन्होंने इस बात की पुष्टि युधिष्ठिर से की. युधिष्ठिर ने जवाब में कहा - 'अश्वत्थामा हतो, नरो वा कुंजरो वा' (अस्वत्थामा मारा गया , वह मनुष्य था या हाथी था). लेकिन जैसे ही युधिष्ठिर ने कहा - 'अश्वत्थामा हतो' ठीक उसी समय श्रीकृष्ण ने तेज आवाज में शंख ध्वनि निकाली और द्रोणाचार्य 'नरो वा कुंजरो वा' नहीं सुन सके. इसी के साथ वे शोक में डूब गए और शस्त्र त्यागकर भूमि पर गिर पड़े. इसी समय धृष्टद्युम्न ने तलवार से उनका वध कर डाला.


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18वें दिन जब पांडवों ने युद्ध जीत लिया, उस रात द्रोण पुत्र अश्वत्थामा छुपकर पांडव शिविर में घुसे और कृपाचार्य व कृतवर्मा की सहायता से पांडवों के शेष वीर महारथियों का वध कर डाला. अश्वत्थामा ने धृष्टद्युम्न के शिविर में घुसकर उससे युद्ध शुरू कर दिया. और अंततः धृष्टद्युम्न को बुरी तरह घायल कर पीट-पीटकर मार डाला.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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Mahabharata Secrets revealed Pandava commander Dhrishtadyumna was born from fire and killed by Ashwatthama
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Mahabharata Secrets Revealed: आग से पैदा हुए थे पांडवों के सेनापति
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Mahabharata Secrets Revealed: आग से पैदा हुए थे पांडवों के सेनापति, महाभारत युद्ध के बाद कर दी गई थी हत्या

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