कोलेस्ट्रॉल और हड्डियों से जुड़ी समस्या दुनिया भर में एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है. खान-पान की ख़राब आदतें, तनावपूर्ण जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि की कमी से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. वहीं हाई यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण भी यही हैं और इससे जोड़ों का दर्द और हड्डियों में भुरभुरापन शुरू हो जाता है. इन सब का अगर आप बचना चहाते हैं तो तिल का सेवन शुरू कर दें. खासकर ठंड में तिल को खाना आपके शरीर को गर्म भी रखेगा और बीमारियों से भी बचाएगा.
सफेद या काले तिल के बीज में पौष्टिक और औषधीय गुण होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायक होते हैं. इस लेख में हम तिल के फायदों के बारे में और उन्हें अपने आहार में कैसे शामिल करें, इसके बारे में और जानेंगे.
तिल के बीज में पोषक तत्व
तिल के बीज प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होते हैं. साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. तिल के नियमित सेवन से शरीर में शुगर लेवल भी नियंत्रण में रहता है, जो दिल के लिए फायदेमंद होता है. साथ ही हड्डियों को ये मजबूत बनाता है.
कोलेस्ट्रॉल कम करने में तिल का योगदान
तिल में मौजूद सिसामोलिन और सेसामिन शरीर में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करते हैं और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाते हैं. रोजाना दो चम्मच तिल का सेवन करने से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है. साथ ही यह रक्त वाहिकाओं में जमा वसा के स्तर को भी नियंत्रण में रखता है.
तिल के तेल के फायदे
खाना पकाने में तिल के तेल का उपयोग करने से हृदय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. तिल का तेल रक्तचाप को कम करने में मदद करता है और हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार करता है. तिल के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त वाहिकाओं को लचीला रखता है और रक्त प्रवाह में सुधार करता है.
पाचन के लिए तिल के फायदे
तिल में फाइबर की मात्रा अधिक होने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है. तिल के नियमित सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और लिवर की कार्यप्रणाली में सुधार होता है. तिल मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
आहार में तिल को शामिल करें
तिल को विभिन्न तरीकों से आहार में शामिल किया जा सकता है. तिल के बीज का उपयोग तिल की कलछी, चटनी या पोलाइस में किया जा सकता है. इसके अलावा सुबह खाली पेट दो चम्मच भुने हुए तिल खाने से शरीर पर बेहतर प्रभाव पड़ता है. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और हृदय रोग के खतरे को कम करता है.
उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने के लिए आहार में तिल को नियमित रूप से शामिल करना एक सरल और प्रभावी उपाय है. अपने पोषण और औषधीय गुणों के कारण तिल हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसलिए तिल को अपने आहार का अहम हिस्सा बनाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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एक चम्मच ये बीज खाने भर से नसों में जमा गंदा कोलेस्ट्रॉल होगा साफ और हड्डियां भी होंगी मजबूत