यूरिक एसिड का बढ़ना आपकी किडनी के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है. यह एकवेस्ट प्रोडक्ट है जो शरीर में प्यूरीन नामक तत्वों के टूटने से बनता है. आमतौर पर किडनी इसे छानकर शरीर से बाहर निकाल देती है. लेकिन जब इसका स्तर बढ़ जाता है तो यह क्रिस्टल के रूप में जोड़ों और किडनी में जमा होने लगता है, जिससे गाउट और किडनी की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए किडनी की सेहत के लिए यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है. ऐसे कई घरेलू उपाय हैं जो इसमें कारगर साबित हो सकते हैं और इन्हीं में से एक है सुबह खाली पेट एक खास चीज का सेवन करना. आज हम बात कर रहे हैं कच्चे पपीते की. कच्चा पपीता जिसे हम अक्सर सब्जी के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, बढ़े हुए यूरिक एसिड से लड़ने में काफी कारगर साबित हो सकता है. आइए यहां जानते हैं कि कच्चा पपीता हाई यूरिक एसिड में कितना फायदेमंद है.
कच्चे पपीते के फायदे
सूजन और दर्द में राहत
यूरिक एसिड बढ़ने से अक्सर जोड़ों में सूजन और दर्द होता है. कच्चे पपीते में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इस सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में कारगर हैं.
वजन घटाने में मददगार
वजन बढ़ना अक्सर हाई यूरिक एसिड से जुड़ा होता है. कच्चे पपीते में कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है, जो पेट को भरा रखने और स्वस्थ वजन कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड को नियंत्रित करना आसान हो जाता है.
एंजाइम से भरपूर
कच्चे पपीते में पपैन और काइमोपैपैन नामक पावरफुल एंजाइम होते हैं. ये एंजाइम प्रोटीन को तोड़ने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में प्यूरीन का टूटना बेहतर होता है और यूरिक एसिड का उत्पादन कम हो सकता है.
पाचन को मजबूत बनाएं
कच्चे पपीते में फाइबर और पाचन एंजाइम भरपूर मात्रा में होते हैं जो पाचन को सुचारू बनाने में मदद करते हैं. एक स्वस्थ पाचन तंत्र शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट्स को सही तरीके से बाहर निकालने में मदद करता है, जिसमें अतिरिक्त यूरिक एसिड भी शामिल है.
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किडनी की फिल्टरेशन क्षमता बढ़ाएं
कच्चे पपीते का नियमित सेवन करने से किडनी की खून को फिल्टर की क्षमता में सुधार हो सकता है, जिससे यूरिक एसिड और अन्य विषाक्त पदार्थों को शरीर से ज्यादा असरदार ढंग से बाहर निकाला जा सकता है.
शरीर को डिटॉक्सिफाई करें
सुबह खाली पेट कच्चा पपीता खाने से शरीर की नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है. यह ब्लड फ्लो से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर संतुलित रहता है.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है. इस पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.)
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