Ayurvedic remedies cough-phlegm: सर्दी के दिनों में वातावरण में बदलाव के कारण स्वास्थ्य खराब होने की आशंका रहती है. सर्दी, खांसी, बुखार आदि कई बीमारियाँ बढ़ने लगती हैं. ये बीमारियाँ स्वास्थ्य को और भी खराब कर सकती हैं. इसलिए सर्दी के दिनों में अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखें. खान-पान पर ध्यान देकर आहार में बदलाव करें. सर्दियों में सर्दी, खांसी होने पर तुरंत कफ सीरप ले लेते हैं लेकिन गोलियां लेने के बाद भी फेफड़ों में कफ रह जाता है. जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है, जबकि खांसी के कारण अक्सर फेफड़ों में दर्द होता है. छाती में कफ जमा होने से छाती में लगातार भारीपन रहता है और सांस लेने में रुकावट आती है.  

सीरप लेने से खांसी तो कम हो जाती है, लेकिन कफ छाती में ही रह जाता है. छाती में कफ जमा होने से सांस लेने में दिक्कत होती है. छाती और फेफड़ों में खांसी को कम करने के लिए गोलियों के साथ-साथ घरेलू उपचार का भी उपयोग करना चाहिए. घरेलू उपचार छाती में जमा कफ को ढीला करने में मदद करते हैं. तो आज हम आपको फेफड़ों में फंसे गट कफ को दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं.

छाती में जमा कफ को दूर करने के घरेलू उपाय:

मुलैठी: 

मुलेठी एक जड़ी बूटी है जिसकी जड़ में ग्लाइसीराइज़िन होता है. मुलेठी में मौजूद रसायन सूजन को कम करने, खांसी को कम करने औरशरीर में अल्सर को ठीक करने वाला माना जाता है.मुलेठी खांसी, अस्थमा और गले की खराश के लिए एक पारंपरिक उपचार है . एक अध्ययन में पाया गया है कि एनेस्थीसिया लेने से पहले मुलेठी से गरारे करने से ऑपरेशन के बाद गले में खराश की घटना आधी हो जाती है
 
हल्दी वाला दूध:

हल्दी और दूध के गुण फेफड़ों में जमा घट कफ को साफ करने में मदद करते हैं. हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कफ को कम करते हैं. एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से छाती और फेफड़ों में जमा कफ कम हो जाएगा. हल्दी का सेवन करने से अन्नप्रणाली को साफ करने में मदद मिलती है.

शहद और अदरक का रस:

अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण छाती में जमा कफ को साफ करने में मदद करते हैं. अदरक और शहद दोनों ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. शहद का सेवन करने से छाती में जमा कफ से छुटकारा मिल जाएगा. एक चम्मच अदरक का रस लें और उसे शहद के साथ मिला लें. यह उपाय सुबह-सुबह करना चाहिए.

भाप लेना:

सर्दी या खांसी होने पर सबसे पहले भाप लेने की सलाह दी जाती है. गर्म पानी में यूकेलिप्टस तेल की एक बूंद डालकर भाप लें. श्वसन पथ को साफ़ करता है और कफ को घोलने में मदद करता है. सर्दी खांसी के बाद भाप लेने से नाक, गले और छाती से कफ निकल जाता है. इसलिए दिन में दो से तीन बार भाप लेनी चाहिए.

तुलसी का रस:

तुलसी के पत्तों का जूस बनाने के लिए तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबाल लें. इसके बाद पानी को छानकर उसमें शहद मिलाकर पीने से सर्दी-खांसी कम हो जाएगी. तुलसी के पानी का सेवन करने से सांस संबंधी समस्या नहीं होगी. इस जूस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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छाती में जमा कफ-बलगम को पिघला देंगी ये जड़ी-बूटियां
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कफ-खांसी से राहत दिलाने वाले नुस्खे
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कफ-खांसी से राहत दिलाने वाले नुस्खे

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छाती में जमा कफ-बलगम को पिघला देंगी ये जड़ियां, गले का दर्द और घरघराहट भी होगी कम

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