इरफान खान और कोंकणा सेन शर्मा की फिल्म 'लाइफ इन ए मेट्रो' में आपने उन्हें अपना दुख या गुस्सा जाहिर करने के लिए छत पर खुलेआम चिल्लाते हुए देखा होगा. दिल में होने वाले कुछ दर्द अक्सर असहनीय हो जाते हैं तो लोग चिल्लान या झगड़ा शुरू कर देते हैं, वहीं कुछ लोग तनाव या अवसाद में चले जाते हैं, लेकिन ये समस्या का इलाज नहीं. इससे बचने के लिए आपको पिलो थेरेपी लेनी चाहिए.
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पिलो थेरेपी एक ऐसी चिकित्सा है जिसमें क्रोधित, तनावग्रस्त या दुखी लोग तकिये में चीखकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं. यह भावनाओं को व्यक्त करने का अच्छा तरीका है. चीखने से डायाफ्राम और कोर की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं. जिससे शारीरिक तनाव कम होता है. यह थेरेपी एक तरह से भावनात्मक रीबूट बटन है. जिससे नकारात्मक विचारों पर विराम लगता है. लेकिन यदि इससे आपको राहत नहीं मिलती तो यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है. यदि किसी को हर दिन चीखने की जरूरत महसूस होती है, तो यह आंतरिक तनाव
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ह एक ऐसी विधि है जिसमें आप बिना किसी निर्णय के अपनी सच्ची भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं. चीखने से शारीरिक और मानसिक तनाव से राहत मिलती है. अपने प्रियजनों पर गुस्सा निकालने की बजाय खुद पर गुस्सा निकालने से भी रिश्ते अच्छे रहते हैं.
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शारीरिक तनाव कम करता है. रिश्ते टूटने से बचाता है. आप बिना किसी निर्णय के अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं.नकारात्मकता दूर होती है.
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यह एक सरल व्यायाम है और आप इसे दिन में कई बार कर सकते हैं. यदि इसमें अधिक समय न लगे तो इसे कम से कम दो बार करें. इससे तनावपूर्ण भावनाओं से राहत मिल सकती है. ऐसा करने के लिए आप अपनी आंखें बंद करें. अपने पेट को बाहर की ओर धकेलते हुए नाक या मुंह से गहरी सांस लें. 1-2-3 गिनते हुए तकिए में मुंह छुपाकर या यूं ही धीरे-धीरे सांस छोड़ें. गहरी सांस लेने से हृदय गति धीमी हो जाती है. इसके साथ ही आपको अच्छी नींद भी आती है.
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पर्याप्त नींद लेना तनाव प्रबंधन के लिए अच्छा है. क्योंकि तनाव कम करने में नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित रूप से 7 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है.
कोई ऐसा शौक अपनाएं जिसमें आपको आनंद आता हो. उदाहरण के लिए, लेखन, चित्रकारी, गायन या संगीत जैसे शौक अपनाने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है.
अपनी पसंद की किताब से पढ़ना शुरू करें. इससे चिंता और तनाव से राहत मिलती है. साथ ही मन प्रसन्न रहता है और मन में सकारात्मक भावनाएं पैदा होती हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)