अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड, डायबिटीज से लेकर थायराइड, पित्त की समस्या और खून में गंदगी और ब्लड सर्कुलेशन स्लो जैसी समस्या से जूझ रहे तो आपके लिए एक हरी चटनी किसी दवा से कम नहीं है. इस चटनी को रोज खाने से ये सारी ही समस्याएं कंट्रोल में रहती हैं. 

थायराइड की समस्या आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है. यह समस्या शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है, जिससे कम ऊर्जा, वजन बढ़ना और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, उचित आहार और प्राकृतिक उपचार का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो सकता है.

इस चटनी के नियमित सेवन से थायराइड संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है. इसके अलावा, यह चटनी शरीर में विषाक्त तत्वों को डिटॉक्सीफाई करती है, रक्त वाहिकाओं को साफ करती है, पित्त और मोटापे को कम करती है. जानिए चटनी बनाने की विधि और फायदों के बारे में जानें. 

  
शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है

हरी चटनी के नियमित सेवन से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है. यह हृदय और रक्त वाहिकाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिससे शरीर में पोषक तत्वों का संचार ठीक से हो पाता है.

पाचन तंत्र को सुधारती है

हरी चटनी पाचन तंत्र को उत्तेजित करती है. इस चटनी में ताजा हरा धनिया और पुदीना पाचन में सुधार करने में मदद करता है. साथ ही थायराइड की समस्या के कारण होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं को भी कम किया जा सकता है.

थकान और कमजोरी दूर हो जाएगी

थायराइड के मरीजों को आमतौर पर थकान और कमजोरी का अनुभव होता है. हरी चटनी में मौजूद ताज़ा तत्व शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे थकान कम होती है.
 
वजन नियंत्रण में सहायक

थायराइड से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है. हरी चटनी वजन नियंत्रण में मदद करती है, क्योंकि यह शरीर के चयापचय को उत्तेजित करती है और पाचन में सुधार करने में मदद करती है.
  
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना

हरी चटनी में पुदीना और धनिया जैसे तत्व होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. ये नसों में जमे कोलेस्ट्रॉल से लेकर यूरिक एसिड को भी कम करती है. साथ ही ब्लड शुगर कंट्रोल में भी फायदेमंद होती है.
 
विटामिन सी और आयरन की आपूर्ति

हरी चटनी में विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में होता है. इन पोषक तत्वों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर को ताकत मिलती है.
 
हरी चटनी कैसे बनायें?

  • हरा धनिया (कोदी) – 1 कप.
  • पुदीना - ½ कप.
  • अदरक – 1 इंच टुकड़ा.
  • हरी मिर्च - 1.
  • लहसुन - 3
  • नींबू का रस - 1 चम्मच.
  • जीरा - 1 चम्मच.
  • सैंधव नमक - स्वादानुसार.
  • पानी - आवश्यकतानुसार

 
सबसे पहले हरा धनियां और पुदीना को अच्छे से धो लीजिये. इन दोनों सामग्रियों को हरी मिर्च, अदरक, जीरा और सैंधव नमक के साथ मिक्सर में डाल दीजिए. चटनी तैयार करने के लिए सभी चीजों को अच्छे से मिला लीजिए.  तैयार चटनी को एक बाउल में निकाल लें, इसमें नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिला लें.

 यह हरी चटनी बेहद फायदेमंद है. इसके सेवन से आप तरोताजा, ऊर्जावान महसूस करेंगे और आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. थायराइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए उचित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता होती है. हरी चटनी थायराइड रोगियों के लिए एक प्राकृतिक और पौष्टिक उपाय है, जो थायराइड के दुष्प्रभावों से निपटने के साथ शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है. इस चटनी का सेवन हमें हाइड्रेटेड रखकर शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.) 

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Cholesterol, thyroid, uric acid and diabetes will be controlled with mint, coriander, ginger and garlic green chutney Recipe
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इस हरी चटनी से नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल और बिगड़े हुए थायराइड को करें कंट्रोल, य
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 हरी चटनी थायराइड कोलेस्ट्रॉल शुगर सब करेगी कंट्रोल
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 हरी चटनी थायराइड कोलेस्ट्रॉल शुगर सब करेगी कंट्रोल

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इस चटनी से कोलेस्ट्रॉल और थायराइड ही नहीं, यूरिक एसिड और डायबिटीज भी रहेगा कंट्रोल 

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