डीएनए हिंदी: विटामिन सी को शरीर के लिए एक पोषक तत्व माना गया है. नेशनल इंस्टिट्यूट के ऑफ न्यूट्रिशन के सर्वे में यह सामने आया है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने विटामिन सी युक्त फल और दवाइयों का भरपूर सेवन किया. इसका कारण सोशल मीडिया पर फैलाई गई गलत जानकारियां बनी है. विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन और जिंक के अधिक सेवन से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. बता दें कि अधिक मात्रा में जिंक और विटामिन सी के सेवन से लिवर और पेट पर बुरा असर पड़ सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक मात्रा में जिंक दस्त और मतली जैसे गंभीर बीमारी का कारण बनता है, यही कारण है कि इसका सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर किया जाना चाहिए. साथ ही विटामिन सी का सेवन तब तक ही सुरक्षित है जब तक आप इसे निर्धारित मात्रा में खाते हैं, अन्यथा यह लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. कहा यह जाता है कि विटामिन सी के साइड-इफ़ेक्ट नहीं होते हैं, लेकिन किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए.
विटामिन सी के ज्यादा सेवन से सिरदर्द, नींद, पथरी जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है, इसलिए एक्सपर्ट्स लोगों से बिना डॉक्टरी सलाह के कुछ न करने की बात करते हैं.
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इम्युनिटी के लिए उठाएं ये कदम
एक सर्वे में यह सामने आया है कि लोगों ने COVID19 के दौरान विटामिन सी और जिंक का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया लेकिन डॉक्टर्स इसकी सलाह नहीं देते हैं. वह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए स्वस्थ खान-पान और व्यायाम की सलाह देते हैं. साथ ही ताजा सब्जी और फलों के सेवन को भी बढ़ावा देते हैं. सीमित मात्रा में जिंक के लिए आप अखरोट या बादाम खा सकते हैं. चुकुंदर के रस और ब्रोकली को सलाद के रूप में खाना भी जिंक की कमी पूरी कर सकता है.
किसे है कितनी आवश्यकता?
दैनिक जीवन में पुरुषों को 11 और महिलाओं को 9 मिलीग्राम जिंक का ही सेवन करना चाहिए. विटामिन सी सेवन का सामान्य स्तर 90 से 2000 मिलीग्राम रखा गया है.
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