डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की हवा गंभीर स्थिति में पहुंच गई है. हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है. दिल्ली और नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. निमोनिया और सीने में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
बिगड़े निमोनिया और सीने में संक्रमण की शिकायत के बाद अलग-अलग अस्पतालों में कई लोगों के आईसीयू में भर्ती होने की खबरें सामने आ रही हैं. सीने और आंखों में जलन, निमोनिया और दमघोंटू आबोहवा हर आयु-वर्ग के लोगों को बीमार कर रही है.
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मांग है कि दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी लागू हो. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने प्रदूषण की वजह से होने वाली समस्याओं को मेडिकल इमरजेंसी तक करार दिया है.
मेदांता अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट सर्जरी के अध्यक्ष डॉ अरविंद ने कहा, 'यह एक मेडिकल इमरजेंसी है क्योंकि लोग प्रदूषण के अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभावों से प्रभावित होते हैं. जब आपके फेफड़े ऐसी हवा के संपर्क में आते हैं तो तत्काल आपकी सेहत पर इसका असर पड़ता है.'
प्रदूषण की वजह से ICU में भर्ती हो रहे हैं लोग
मेदांता के चेस्ट सर्जरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. अरिंवद कुमार ने कहा है कि ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि उनकी आंखों में जलन और सूजन है. कुछ लोगों की आंख से पानी आ रहा है. नाक में जलन और खुजली की भी शिकायत लोग कर रहे हैं. कुछ लोगों का स्वाद भी प्रभावित हुआ है.
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चेस्ट इन्फेक्शन और निमोनिया के मामले बढ़े
डॉ अरविंद ने कहा है कि ICU में एडमिट होने वाले ज्यादातर मरीज सीने के संक्रमण से जूझ रहे हैं. यह इस बात का प्रमाण है कि प्रदूषण के उच्चतम स्तर पहुंचने की वजह से निमोनिया और छाती में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. आईसीयू में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है.
10 गुणा तक बढ़ गया स्ट्रोक का खतरा
डॉक्टर अरविंद ने यह भी कहा है कि प्रदूषण का मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ा देता है. प्रदूषकों की वजह से शरीर में सूजन भी बढ़ा है. यह स्ट्रोक के खतरे को 10 गुणा बढ़ा देता है.
...और इस वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं लोग
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि जैसे ही जहरीला धुआं छाती के अंदर जाता है, यह श्वासनली और फेफड़ों में तत्काल सूजन की वजह बनता है. ये जहरीले रसायन फेफड़ों से अवशोषित होकर रक्त में पहुंच जाते हैं. इसके बाद वे सिर से पैर तक हर जगह घूमते हैं और इस तरह हर अंग को प्रभावित करते हैं. यही वजह है कि लोग अस्पतालों में बड़ी संख्या में भर्ती हो रहे हैं.
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हर दिन जहरीली होती जा रही है दिल्ली की हवा
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है. बुधवार को AQI 354 दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब स्थिति है. नोएडा में AQI 406 तक पहुंच गया है. यह गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं गुरुग्राम में AQI 346 रहा. दिल्ली-एनसीआर में हवा बेहद जहरीली बनी हुई है.
क्या मेडिकल इमरजेंसी की हालत में पहुंच गई है दिल्ली?
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को स्तर देखने के बाद यही लग रहा है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है. बिना मास्क के लोगों का चलना मुहाल हो रहा है. लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है. यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी प्रदूषण की वजह से है.
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'जहरीली हुई दिल्ली का आबोहवा, सीने-फेफड़े हो रहे कमजोर, सांस लेना भी मुहाल'