डीएनए हिंदी: Manipur News- मणिपुर में मई की शुरुआत में भड़की सामुदायिक हिंसा नहीं थम पा रही है. अब तक राज्य में विभिन्न हिंसा की घटनाओं में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई सौ लोग घायल हुए हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सभी समुदायों को बीच शांति स्थापित कराने के लिए खुद राज्य में डेरा डाले हुए हैं. शाह ने गुरुवार को हिंसा की न्यायिक जांच कराने और निष्पक्ष कार्रवाई करने का आश्वासन सभी पक्षों को दिया है. इसके थोड़ी देर बाद ही केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक पी. डोंगल (Manipur Police DGP P. Doungal) का ट्रांसफर कर दिया. उनकी जगह त्रिपुरा कैडर के IPS अफसर राजीव सिंह (IPS Rajiv Singh) को मणिपुर का नया DGP नियुक्त किया गया है. राज्य में हिंसा के बीच पुलिस और प्रशासन पर लग रहे एकतरफा कार्रवाई के आरोपों के चलते इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
पहले जानिए कौन हैं राजीव सिंह
राजीव सिंह त्रिपुरा कैडर के 1993 बैच के अधिकारी हैं. वे मणिपुर कैडर के 1987 बैच के IPS अधिकारी और मणिपुर पुलिस के मौजूदा DGP पी. डोंगल की जगह तैनात किए गए हैं. पी. डोंगल को केंद्रीय गृह विभाग में नई बनाई गई पोस्ट ऑफिसर-ऑन-स्पेशल ड्यूटी (OSD) पर नियुक्त किया गया है. राजीव सिंह अब तक सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के IG के तौर पर तैनात थे और उन्हें 29 मई को ही केंद्र सरकार ने इंटर कैडर डेपुटेशन पर मणिपुर में ट्रांसफर किया था. इससे पहले वे त्रिपुरा में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के डायरेक्टर और ADG कानून-व्यवस्था के पद पर तैनात रह चुके हैं. वे तीन साल के लिए मणिपुर में तैनात किए गए हैं.
क्यों की गई है ये नई तैनाती
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस तैनाती को राज्य में लोकल डायनामिक्स को बैलेंस करने वाले कदम के तौर पर देखा जा रहा है. राज्य में पहले से ही चल रही हिंसा के बीच किसी नए राजनीतिक विवाद से बचने के लिए गैर आदिवासी और गैर मैतेई समुदाय के पुलिस चीफ की तैनाती की गई है. साथ ही IG (ऑपरेशंस) के तौर पर CRPF में राजीव सिंह के अनुभव का लाभ भी राज्य में हिंसा को रोकने में मिलेगा.
हिंसा के बाद राज्य पुलिस में तीसरा बदलाव
मणिपुर में 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य पुलिस में तीसरी बार हस्तक्षेप किया है. सबसे पहले पूर्व CRPF चीफ कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सिक्योरिटी एडवाइजर नियुक्त किया गया था. इसके बाद राज्य में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले IPS आशुतोष सिन्हा को दंगाइयों के खिलाफ अभियान का स्वतंत्र सर्वेसर्वा तैनात किया गया. अब राज्य में बाहरी कैडर का गैर आदिवासी और गैर मैतेई पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है.
सीबीआई और रिटायर्ड हाई कोर्ट जज से कराई जाएगी हिंसा की जांच
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार सुबह घोषणा की थी कि हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस से जांच कराई जाएगी. साथ ही कुकी और मैतेई समुदायों के बीच फैले मौजूदा अविश्वास को दूर करने के लिए राज्यपाल के तहत काम करने वाली पीस कमेटी गठित की जाएगी. शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि पीस कमेटी में सभी राजनीतिक दलों के साथ ही कुकी और मैतेई समुदायों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे. शाह ने यह भी कहा कि हिंसा के पीछे की पांच आपराधिक साजिशों और एक आम साजिश की जांच सीबीआई से कराई जाएगी. उन्होंने राज्य में जल्द ही हालात सामान्य होने की उम्मीद भी जताई.
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मणिपुर में लगातार हिंसा के बीच केंद्र ने बदला DGP, जानिए कौन हैं IPS राजीव सिंह और क्यों मिली उन्हें तैनाती