डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक बार फिर कहा है कि महिला कर्मचारियों का मासिक धर्म उन्हें काम करने से नहीं रोकता है. उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी रोजगार देने वाली संस्था, या एप्लायर को महिलाओं का मासिक धर्म चक्र क्यों पता होना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि एक महिला की पीरियड लीव के बारे में उसके नियोक्ता को क्यों पता होना चाहिए, क्योंकि ऐसा तब होगा जब सरकार महिला कर्मचारियों के लिए पीरियड्स के दौरान अनिवार्य सवैतनिक छुट्टी की नीति अपनाए.
ANI के साथ इंटरव्यू में स्मृति ईरानी ने संसद में भड़के उस बवाल पर सफाई पेश की है जिसमें उन्होंने कहा था कि पीरियड दिव्यांगता नहीं है. स्मृति ईरानी ने कहा था कि मासिक धर्म कोई बाधा नहीं है और सरकार पीरियड को लेकर अवकाश की कोई नीति नहीं ला रही है. उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए अगर एक अकेली महिला उन छुट्टियों को नहीं लेने का फैसला करती है जिन्हें देने का तथाकथित प्रस्ताव है. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि महिलाओं को किस उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा?
महिलाओं को क्यों पता हो महिलाओं का मासिक धर्म
स्मृति ईरानी ने कहा, 'इस तरह की छुट्टियों को लागू करने का मतलब होगा कि व्यक्ति को अपने मासिक धर्म के बारे में एचआर को रिपोर्ट करना होगा. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जब हम कह रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को काम करने जरूरत है, खासकर फैक्ट्री फ्लोर और कॉरपोरेट हाउस में? 20,000 महिलाओं वाले फ्लोर की कल्पना करें? तब हम भेदभाव के लिए और अधिक बाधाएं पैदा कर रहे हैं.'
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मासिक धर्म है महिलाओं के जीवन का अनिवार्य हिस्सा
राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा के एक सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा था कि मासिक धर्म महिलाओं की जीवन यात्रा का स्वाभाविक हिस्सा है. उन्होंने कहा, 'एक मासिक धर्म वाली महिला के रूप में, मासिक धर्म और मासिक धर्म चक्र एक बाधा नहीं है, यह महिलाओं की जीवन यात्रा का एक स्वाभाविक हिस्सा है. हमें ऐसे मुद्दों का प्रस्ताव नहीं देना चाहिए जहां महिलाओं को समान अवसरों से वंचित किया जाता है, सिर्फ इसलिए कि जिस व्यक्ति को मासिक धर्म नहीं होता है उसका मासिक धर्म के प्रति एक विशेष दृष्टिकोण है.'
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पुराने बयानों पर क्या बोलीं स्मृति
स्मृति ईरानी के बयान की जमकर आलोचना हुई थी. तेलंगाना की नेता के कविता ने कहा कि स्मृति ईरानी की अज्ञानता भयानक है. स्मृति ईरानी ने कहा कि उनके बयान पर बवाल तो पैदा हो गया लेकिन मनोज झा ने पूछा था कि क्या सरकार के पास LGBTQIA+ के लिए कोई मासिक धर्म अवकाश नीति है. स्मृति ईरानी ने कहा, 'बिना गर्भाशय वाले किस समलैंगिक पुरुष को मासिक धर्म चक्र होता है? इसलिए इस सवाल का उद्देश्य या तो चौंकाना, भड़काना या ध्यान आकर्षित करना था. इसकी वजह से नया बवाल पैदा हो गया.'
विकलांगता वाले बयान पर स्मृति ने दी सफाई
स्मृति ईरानी ने कहा, 'किसी ने मुझसे पूछा कि आपने इसे विकलांगता क्यों कहा? मैंने कहा कि आप कोई भी शब्दकोश खोलिए, विकलांगता का पर्यायवाची शब्द बाधा है, मैंने विकलांगता नहीं कहा. फिर वह व्यक्ति कहता है कि आप नहीं जानते कि महिलाओं को चक्र के दौरान दर्द होता है? दिलचस्प बात यह है सभी पुरुष थे.'
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'कंपनियों को क्यों पता हो महिलाओं का मासिक धर्म,' पीरियड लीव पर स्मृति ईरानी