डीएनए हिंदी: महिलाओं की मैटरनिटी लीव से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बड़ा बयान दिया है. कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को पढ़ने या बच्चे पैदा करने में से कोई एक विकल्प चुनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ (Chaudhary Charan Singh University Meerut) की एमएड की छात्रा की मैटरनिटी अपील खारिज होने को गलत बताते हुए छुट्टी मंजूर करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि छात्रा को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का भी आदेश दिया है.
Delhi High Court के जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने हाल ही में एमएड छात्रा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान ने एक समतावादी समाज की परिकल्पना की है, जिसमें नागरिक अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं. समाज के साथ-साथ राज्य भी उन्हें इसकी अनुमति देता है.
यह भी पढ़ें- अमेरिका से राहुल गांधी का PM मोदी पर तंज, 'वो भगवान को भी समझा सकते हैं कि...'
संविधानिक व्यवस्था के तहत मिला हक
हाई कोर्ट ने आगे कहा कि सांविधानिक व्यवस्था के मुताबिक किसी को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के अधिकार के बीच किसी एक का चयन करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. लोगों को शिक्षा का अधिकार मिला हुआ है और मैटरनिटी लीव मिलना भी महिलाओं को हक है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल एक महिला याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2021 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दो साल के M.ed कोर्स के लिए दाखिला लिया था. उन्होंने मातृत्व अवकाश के लिए यूनिवर्सिटी डीन और कुलपति के पास आवेदन किया था. इसे 28 फरवरी को खारिज कर दिया गया. कक्षा में आवश्यक रूप से उपस्थिति मानक पूरा करने को आधार बनाकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश का लाभ देने से इन्कार कर दिया था. इसको लेकर महिला ने याचिका दायर की थी.
यह भी पढ़ें- अजमेर में रैली, पुष्कर के ब्रह्म मंदिर में दर्शन, कुछ यूं 'मिशन राजस्थान' शुरू करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
अपने फैसले पर फिर से विचार करे यूनिवर्सिटी
महिला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन का फरवरी, 2023 का फैसला रद्द करते हुए कहा कि वह याचिकाकर्ता को 59 दिन के मातृत्व अवकाश का लाभ देने पर पुनर्विचार करे. साथ ही निर्देश दिया गया कि अगर इसके बाद कक्षा में आवश्यक 80 प्रतिशत उपस्थिति का मानक पूरा होता है तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
दिल्ली HC का बड़ा फैसला, पढ़ाई या बच्चे पैदा करने के लिए महिलाओं पर नहीं थोप सकते शर्त