डीएनए हिंदी: पूरे देश में इस वक्त एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) का मु्द्दा छाया हुआ है. केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र भी बुलाया है और माना जा रहा है कि इसमें यह बिल लाया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस ही नहीं कई और विपक्षी दल भी इसका विरोध कर रहे हैं. 8 सदस्यों की कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष को शामिल नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए अधीर रंजन चौधरी कमेटी में शामिल नहीं हुए हैं. अब कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे देश और लोकतंत्र के लिए खतरनाक कदम बताते हुए कहा है कि यह भारत के संघीय ढांचे को पूरी तरह से तहस-नहस कर देगा. कई और विपक्षी दल भी इसका विरोध कर रहे हैं.
वन नेशन वन इलेक्शन पर आई राहुल की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' आइडिया को देश के संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए एक्स (ट्विटर) पर लिखा, "इंडिया, जो भारत है, यह राज्यों का एक संघ है. 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का आइडिया संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है." कांग्रेस का रुख इस मुद्दे पर स्पष्ट है कि वह इसका विरोध करने वाली है. दूसरी ओर कई क्षेत्रीय दल भी इस विचार के समर्थक नहीं है. वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है जिसे जल्द इस पर राय देने के लिए कहा गया है.
INDIA, that is Bharat, is a Union of States.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2023
The idea of ‘one nation, one election’ is an attack on the 🇮🇳 Union and all its States.
यह भी पढ़ें: स्टालिन बोले, 'सनातन को डेंगू, मलेरिया और मच्छर की तरह खत्म करना होगा'
केंग्र सरकार ने बनाई 8 सदस्यों की कमेटी
केंद्र सरकार ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर बनाई कमेटी में विपक्षी सांसदों के साथ ही पूर्व राजनेता और कानून के जानकारों को भी शामिल किया है. कमेटी में गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप और संजय कोठारी को शामिल किया गया है. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल नहीं करने पर विरोध जताते हुए अधीर रंजन ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया है.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने बताया कौनसा नेता बनाता है सबसे अच्छा खाना, देखें वीडियो
18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र
18 से 22 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. स्पेशल सेशन की घोषणा के बाद से ही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वन नेशन वन इलेक्शन मुद्दे पर बिल लाने के लिए ही है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस सत्र में लोकसभा चुनावों को देखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड और महिला आरक्षण जैसे बिल भी लाए जा सकते हैं. विशेष सत्र के आयोजन पर भी विपक्षी गठबंध इंडिया हमलावर है और इसे सरकार की तानशाही बता रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
‘लोकतंत्र को खतरा’ एक देश एक चुनाव पर राहुल गांधी की कही ये बड़ी बातें