डीएनए हिंदी: संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने की खबर के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. कांग्रेस, शिवसेना समेत कई विपक्षी दलों ने इस पर हैरानी जताते हुए, इसे सरकार का एकतरफा फैसला बताया है. हालांकि, इसके साथ ही अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार कोई बड़ा ऐलान कर सकती है. माना जा रहा है कि लंबे समय से यूनिफॉर्म सिविल कोड और वन नेशन वन इलेक्शन की जो चर्चा चल रही है उस बिल को लाया जा सकता है. यूसीसी को लेकर पिछले कुछ वक्त से पूरे देश में चर्चा है और समर्थक और विपक्षी दो पाले में साफ तौर पर बंटे हुए हैं.
एक देश एक चुनाव बिल ला सकती है सरकार
सूत्रों का कहना है कि सरकार एक देश एक चुनाव विधेयक इस संसद के विशेष सत्र में लेकर आ सकती है. हालांकि इसे लाना इतना आसान नहीं है क्योंकि दोनों सदनों में बहुमत से बिल पास कराने के बाद इसके लिए संविधान में संशोधन भी करना पड़ेगा. संविधान विशेषज्ञ दीपक शर्मा का कहना है कि एक देश एक चुनाव कानून लाने के संवैधानिक बदलाव करना होगा. यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है और इसके अलावा बहुत से सवाल हैं कि मसलन जिन राज्यों में हाल ही में सरकार बनी है क्या उन्हें भंग कर दिया जाएगा. आजादी के बाद कुछ सालों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ साथ ही होते थे. बाद में समय से पहले विधानसभा भंग होने की वजह से यह परंपरा खत्म हो गई.
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यूनिफॉर्म सिविल कोड और महिला आरक्षण बिल लाने की संभावना
पिछले कुछ वक्त से यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा काफी हो रही है. बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार इसके लिए आशावान भी है और यह उनके अजेंडा में भी शामिल है. विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश कर सकती है. बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों और संघ की ओर से भी इसके संकेत दिए गए हैं. इसके अलावा महिला आरक्षण बिल पर अब तक चर्चा नहीं हुई है और विशेष सत्र में सरकार इस बिल को भी पेश कर सकती है.
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लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख हो सकते हैं बड़े ऐलान
लोकसभा चुनाव 2024 में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है और एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया दोनों ही पूरा जोर लगा रही हैं. विपक्षी गठबंधन महंगाई, बेरोजगारी से लेकर मणिपुर जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है तो सरकार भी इसके लिए हर काट तैयार कर रही है. इसी सप्ताह रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपये तक की कमी की गई है. दूसरी ओर अगर सरकार यूसीसी और वन नेशन वन इलेक्शन जैसे बिल पास कराने में कामयाब रही तो मजबूत प्रशासन की अपनी छवि को बरकरार रखने के साथ कोर वोटर को भी जोड़कर रखना आसान हो जाएगा.
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