भारत में चुनाव को एक पर्व की तरह मनाया जाता है. वहीं अगर बात लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की हो, तो ये एक महापर्व से कम नहीं है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. देश के हर गली मोहल्ले, चौक-चौराहे पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स और पोस्टर्स लगाए जा रहे हैं. भारत के चुनावों के संदर्भ में कहा जाता है कि चुनाव में पैसा पानी की तरह बहाया जाता है. इस बात में कितनी सच्चाई चलिए हम आपको बताते हैं. 

हर एक वोट पर होने वाले खर्च का रखा जाता है हिसाब
भारत में होने वाले चुनाव में कहां कितना खर्च हुआ सबका लेखा-जोखा रखा जाता है. हालांकि, समय के साथ चुनाव पर होने वाला खर्च और चुनाव कराने के तरीकों में भी काफी बदलाव आया है. पहले चुनाव में मत देने के लिए बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब EVM मशीन के जरिए वोटिंग हो रही है. 2004 से सभी चुनाव ईवीएम के जरिए ही हो रहा है. चुनाव आयोग को निष्पक्ष और सुचारु तरीके से चुनाव आयोजित कराने के लिए ईवीएम खरीदने और उनके रख-रखाव के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ता है.


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चुनाव में आता है इतना खर्च
अगर चुनाव में खर्च की बात करें, तो चुनाव का बजट मतदाओं की संख्या और बीतें वर्षों में सेवाओं और वस्तुओं की कीमतों में इजाफें के आधार पर तय किया जाता है. बता दें कि साल 1951 में पहला आम चुनाव हुआ था. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस चुनाव में कुल 17.32 करोड़ मतदाता थे और इस चुनाव को कराने में करीब 10.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.

साल 2009 में लोकसभा चुनाव में करीब 1114.4 करोड़ रुपये खर्च हुए. वहीं 2014 में ये खर्च बढ़कर 3870 करोड़ रुपये पहुंच गया जो साल 2009 में चुनावी खर्च की तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा है. पिछले चुनाव यानी साल 2019 में चुनावी खर्च बढ़कर करीब 6600 करोड़ रुपये पार कर गया है. अब देखने वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में ये खर्च और कौनसे नए रिकॉर्ड तोड़ता है. 


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प्रति वोट आता है इतना खर्च 
अगर हम बात करें कि हर चुनाव में प्रति वोट कितना खर्चा होता है, तो साल 1951 में आयोजित देश के सबसे पहले आम चुनाव में करीब 17.32 करोड़ मतदाता थे और प्रति वोटर करीब 60 पैसे का खर्च आया था. साल 1957 में चुनाव में अब तक का सबसे कम खर्चा किया गया था. चुनाव आयोग के मुताबिक इस चुनाव में करीब 5.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और पर वोटर केवल 30 पैसे का खर्चा आया था.

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रति वोटर खर्च 17 रुपये, साल 2014 में 46 रुपये और साल 2019 में 72 रुपये प्रति वोटर तक आ गया है. चुनाव आयोजन में होने वाले इस सरकारी खर्च के अलावा, पार्टियों और उम्मीदवारों की ओर से भी पानी की तरह पैसा बहाया जाता है. 


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 कौन उठाता है चुनाव का सारा खर्च
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि चुना से जुड़े खर्च कौन उठाता होगा? चलिए इसका भी जवाब हम आपको बताते हैं. दरअसल, देश के आम चुनाव का खर्च केंद्र सरकार उठाती है. इस खर्च में इलेक्शन कमfशन के कामकाज से लेकर, चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था, पोलिंग बूथ का निर्माण, ईवीएम मशीन खरीदने, आदि जैसे अन्य मुख्य खर्चे शामिल होते हैं. चुनाव से संबंधित सभी खर्चे चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय को दिए जाते हैं. जिसमें ईवीएम मशीन की खरीद जैसे बड़े खर्च कानून मंत्रालय के बजट में शामिल होते हैं.  

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know what is the budget for the Lok Sabha Elections in India what is per vote cost in elections BJP Congress
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Lok Sabha Elections 2024: जानें कितनी होती है आपके One Vote की कीमत
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Lok Sabha Elections 2024: जानें कितनी होती है आपके One Vote की कीमत, हर वोट इसलिए भी है जरूरी 

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