डीएनए हिंदी: कोई भी पति यदि अपनी पत्नी को बार-बार किसी बात को लेकर ताने देता है या उसकी तुलना किसी दूसरी महिला से करता है तो यह एक तरह की मानसिक क्रूरता है. केरल हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है. जस्टिस अनिल.के.नरेंद्रन और सी.एस. सुधा की पीठ ने कहा कि पति (प्रतिवादी) का लगातार पत्नी (याचिकाकर्ता) को यह ताने देना कि वह उसकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है. वह अन्य महिलाओं जैसी नहीं है. यह सब कहना निश्चित रूप से एक मानसिक क्रूरता है.
बता दें कि केरल हाईकोर्ट में जिस मामले की सुनवाई हो रही थी उसमें 13 साल पहले तलाक की अर्जी दी गई थी. याचिकाकर्ता और प्रतिवादी की शादी जनवरी, 2009 में हुई थी. शादी के 10 महीने बाद ही पत्नी की तरफ से तलाक के लिए याचिका दे दी गई थी. निचली अदालत ने इस मामले में भारतीय तलाक अधिनियम की धारा 10 (vii) के तहत तलाक को मंजूरी दे दी थी.
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अपनी याचिका में पत्नी ने कहा था कि उसका पति उसे शारीरिक तौर पर आकर्षक नहीं समझता है और जिस दिन से शादी हुई है तब से उसके साथ सिर्फ एक दिखाने की वस्तु के तौर पर व्यवहार किया जा रहा है. पत्नी ने यह भी कहा कि उसका पति हमेशा उसकी तुलना उन महिलाओं से करता है जिनसे वह मिलता है. पत्नी ने याचिका में कहा कि वह शादी के बाद मुश्किल से एक महीना ही साथ रहे हैं.
निचली अदालत के तलाक के फैसले के खिलाफ पति ने भी याचिका दी थी. अब उस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि क्रूरता की परिभाषा समाज की सोच के साथ हमेशा बदलती रहती है. मगर लगातार दुर्व्यवहार करना, पति का बार-बार पत्नी को नीचा दिखाना, ताने देना भी मानसिक और कानूनी रूप से क्रूरता की श्रेणी में आता है.
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पत्नी को ताने देना और दूसरी औरतों से तुलना करना भी है क्रूरता, कोर्ट ने सुनाया ऐसा फैसला