डीएनए हिंदी: ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के मामले में भारत और चीन का प्रदर्शन बहुत खराब है.येल सेंटर फॉर एनवॉरमेंटल लॉ एंड पॉलिसी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क द्वारा हाल ही में प्रकाशित एनवारमेंटल परफॉरमेंस इंडेक्स (Environmental Performance Index – EPI) 2022 में डेनमार्क सबसे ऊपर है. इस लिस्ट में भारत सबसे निचले पायदान पर है. भारत सरकार ने रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें सही वैज्ञानिक पद्धतियों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. रिपोर्ट पूर्वाग्रहों पर आधारित है.
China-India-Russia में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा
इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक चीन दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैसें रिलीज करने वाला देश होगा. भारत इस लिहाज से दूसरे नंबर पर होगा. इन देशों की तरफ से हाल ही में प्रदूषण घटाने का वादा किया गया है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुमानों में भविष्य के हालात चिंताजनक नजर आ रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ डेनमार्क और ब्रिटेन जैसे चंद देश ही हैं जो वर्ष 2050 तक ग्रीनहाउस गैस न्यूट्रलिटी की स्थिति में पहुंच सकते हैं जबकि चीन, भारत और रूस जैसे अहम देश उलटी दिशा में बढ़ रहे हैं. ईपीआई प्रोजेक्शन के मुताबिक अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का मौजूदा रूझान जारी रहा तो 50 फीसदी से अधिक सिर्फ चार देश चीन, भारत, अमेरिका और रूस से होगा.
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US में भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक
ताजा इंडेक्स में 180 देशों में सबसे कम 18.9 का स्कोर भारत को मिला है. म्यांमार (19.4), वियतनाम (20.1), बांग्लादेश (23.1) और पाकिस्तान (24.6) भी पर्यावरण से जुड़े नीतिगत लक्ष्यों को हासिल करने के मामले में काफी खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल हैं.
चीन भी इस इंडेक्स में 28.4 अंक हासिल करके 161 वें स्थान पर है. पश्चिम के 22 अमीर लोकतांत्रिक देशों में अमेरिका 22वें स्थान पर है. ईपीआई रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन के दौरान पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी के चलते अमेरिका की रैंकिंग कम हुई है.
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कई आधार पर प्रदर्शन देखा गया
ईपीआई (EPI) को तैयार करते समय प्रदर्शन के 40 इंडिकेटर्स का इस्तेमाल किया गया है. इन्हें 11 श्रेणियों में बांटा गया है. इन इंडिकेटर्स से पता चलता है कि कोई देश पर्यावरण के लिए तय नीतिगत लक्ष्यों से अभी कितनी दूर है. इसी आधार पर इस इंडेक्स में क्लाइमेट चेंज परफॉरमेंस, एनवायरमेंटल हेल्थ और इकोसिस्टम वाइटैलिटी के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग तय की जाती है.
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Pollution In India: पर्यावरण इंडेक्स में भारत 180 देशों में सबसे नीचे, सरकार ने कहा- 'गलत रिपोर्ट'