डीएनए हिंदी: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश (Delhi Ordinance) से जुड़े बिल को मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. अब सरकार इस बिल को संसद में पेश करेगी. संभावना है कि कल इसे राज्यसभा में पेश किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने 19 मई को इस अध्यादेश को जारी किया था. बता दें कि इस बिल को लेकर केंद्र और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के बीच टकराव चल रहा है. हाल ही में बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की मीटिंग के दौरन कांग्रेस ने भी इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया था.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों की पोस्टिंग, ट्रांसफर या कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है. सरकार मई के महीने में इस अध्यादेश को लेकर आई थी. अब इसे छह सप्ताह के अंदर संसद की ओर से पारित किया जाना चाहिए. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और मोदी सरकार के बीच इस बिल को लेकर टकराव बना हुआ है.
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बीजेपी-AAP के बीच टकराव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस अध्यादेश को गलत बता रहे हैं. AAP का कहना है कि केंद्र का यह अध्यादेश मनमाना है जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना को दरकिनार करने का प्रयास करता है. दिल्ली सरकार ने अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी और रद्द करने के साथ इस पर अंतरिम रोक लगाने का मांग की थी.
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केजरीवाल ने मांगा विपक्षी दलों का समर्थन
इस अध्यादेश को लेकर बीते दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, डीएमके चीफ एमके स्टालिन समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने के लिए कई विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है.
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दिल्ली अध्यादेश बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, अब संसद में होगा पेश