डीएनए हिंदीः अधिक विटामिन डी लेने से कई साइड इफेक्ट्स होते हैं. विटामिन डी हड्डियों, मसल्स, नर्वज, इम्यून सिस्टम से लेकर मानसिक बीमारियों तक के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन इसकी अधिकता भी कम खतरनाक नहीं होती है. अधिक विटामिन डी होने को विटामिन डी टॉक्सिसिटी भी कहा जाता है. जरूरत से ज्यादा विटामिन डी किडनी फेल से लेकर हियरिंग लॉस और हार्ट तक के लिए घातक होता है.
अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के भी विटामिन सप्लीमेंट ले रहे हैं तो आपको इसकी अधिकता के खतरे जरूर जान लेने चाहिए. चलिए जानें किजब शरीर में Vitamin-D की मात्रा बढ़ जाती है तो कौन से खतरे बढ़ते हैं.
विटामिन डी की अधिकता वाली स्थिति को हाइपरविटामिनोसिस डी कहा जाता है.विटामिन डी उस समय आपके शरीर के लिए जहर बन जाता है जब इसका स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है जो वयस्कों के लिए 20 से 40 एनजी / एमएल के बीच होता है.
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विटामिन D ओवरडोज के लक्षण- Side Effects Of Consuming Too Much Vitamin D
भ्रम या डिप्रेशनः विटामिन डी की अधिकता से कई ऐसे टॉक्सिन निकलते हैं जो आपके स्ट्रेस लेवल को हाई करते हैं. स्ट्रेस बढ़ने से भ्रम और डिप्रेशन का लेवल हाई होता है इससे कोर्टिसोल हार्मोन ज्यादा निकलता है जो हाई ब्लड शुगर का भी कारण बन जाता है.
हाइपरलकसीमिया - विटामिन डी की अधिकता से हाइपरलकसीमिया होता है, जिसमें रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा हो जाती है. विटामिन डी के उच्च स्तर के परिणामस्वरूप शरीर में कैल्शियम का अनुचित स्तर होता है. बहुत अधिक कैल्शियम होने से भूख में कमी, कब्ज, मितली, उच्च रक्तचाप और बहुत कुछ जैसे कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
किडनी के लिए हानिकारक- बहुत अधिक विटामिन डी किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है. गुर्दे की बीमारियों वाले लोगों को अपने आहार में विटामिन डी की खुराक शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
पाचन संबंधी समस्याओं को जन्म देना -ज्यादा मात्रा में विटामिन डी पाचन की समस्याएं पैदा करता है. शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम का बढ़ा हुआ स्तर पेट दर्द, कब्ज और दस्त जैसे कई परेशानियों को जन्म देता है. इसलिए अगर आप कोई पूरक आहार ले रहे हैं, तो अपने चिकित्सक को सूचित करना महत्वपूर्ण है.
हड्डियों को कमजोर बना सकता है - हड्डी के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी की भूमिका काफी प्रसिद्ध है, लेकिन इस विटामिन की बहुत अधिक मात्रा आपकी हड्डियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है. अपनी हड्डियों को इष्टतम स्वास्थ्य में रखने के लिए, निर्धारित मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करें. विटामिन डी की मात्रा का ख्याल रखना काफी महत्वपूर्ण है.
मतली, उल्टी और कम भूख -शरीर में अत्यधिक कैल्शियम से मतली, उल्टी और भूख कम लगती है. अध्ययनों ने शरीर में बहुत अधिक कैल्शियम के इन दुष्प्रभावों पर भी प्रकाश डाला है. ऐसे में आप जरूरत से ज्यादा विटामिन डी का सेवन न करें. विटामिन डी के लिए घूप सबसे ज्यादा नेचुरल स्रोत है लेकिन इसको कई फूड्स और सप्लीमेंट्स से भी लिया जा सकता है.
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विटामिन डी की अधिकता की गंभीर स्थिति
- ब्लड लेवल का बढ़ना
- ब्लड कैल्शियम लेवल्स का बढ़ना
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स
- मेंटल स्टेटस में समस्या
- किडनी कॉम्प्लीकेशन्स
- शरीर में सूजन
- हार्ट पर प्रेशर
- कोमा में चले जाना
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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Excessive Vitamin D: विटामिन डी के ओवरडोज से हड्डियां की कमजोरी से लेकर किडनी डैमेज तक का खतरा