डीएनए हिंदी: हाल के दिनों में देखें तो युवावस्था में हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक (stroke) के मामले तेजी से बढ़े हैं. यहां तक कि अपनी फिटनेस को लेकर जागरूक रहने वाले लोग भी इसकी जद में घिरते दिखे हैं. वो चाहे हाल में वर्कआउट करते कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastva) हों या 'भाभी जी घर पर हैं' फेम मलखान उर्फ दीपेश भान (Malkhan/ Deepesh Bhan), मशहूर गायक केके (KK) या पिछले साल बिग बॉस विजेता सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla). ये सभी अपनी सेहत को लेकर जागरूक माने जाते थे, लेकिन अचानक हार्ट अटैक के शिकार हो गए. राजू श्रीवास्तव की जान भी इसी वजह से गई, क्योंकि उन्हें अपने शरीर के अंदर हो रहे बदलाव का पता ही नहीं चल सका था.
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ऐसे मामले केवल देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में देखने को मिल रहे हैं. इन हादसों ने मेडिकल एक्सपर्ट्स को भी सजग किया है और उन्होंने भी फिजिकल जांच पड़ताल के परंपरागत तरीकों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है. इनमें से एक है ब्लड प्रेशर नापने का तरीका. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल की सेहत के बारे में बताने वाले कुछ पैरामीटर्स में ब्लड प्रेशर (blood pressure) भी एक है.
क्या कहती है रिसर्च
हेल्थ जर्नल हाइपरटेंशन (Hypertension) में छपी एक स्टडी के मुताबिक अगर आप खड़े होकर ब्लड प्रेशर नपवाएं तो इससे आपके वास्तविक ब्लड प्रेशर का पता चलता है. इससे ये पता लगाना आसान हो जाएगा कि किसी शख्स में हार्ट अटैक की संभावना तो नहीं बन रही.
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डी में पाया गया कि मध्य आयुवर्ग के किसी शख्स को बैठाकर और खड़ा करके बीपी नापने पर अगर सिस्टोलिक (systolic) बीपी में 6.5 प्वाइंट का अंतर मिले तो ये गंभीर मामले की ओर इशारा है. हालांकि, किसी स्वस्थ व्यक्ति के स्टैंडिंग बीपी नपवाने पर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में हल्की सी गिरावट देखी जाती है. यही नहीं, शोधकर्ता अब हाइपरटेंशन का पता लगाने के लिए युवा और मध्य आयु वर्ग के लोगों को स्टैंडिंग ब्लड प्रेशर नपवाने की सलाह दे रहे हैं.
रिसर्च के मुख्य लेखक पाओलो पलातिनी का कहना है कि बीपी नापने का ये तरीका ज्यादा व्यावहारिक है. अब तक डॉक्टर किसी भी शख्स का बीपी तब नापते हैं जब वह अच्छी तरह से रेस्ट कर चुका हो और बैठा हुआ हो. ये रिसर्च 18 से 45 आयु वर्ग के 1207 लोगों पर की गई. इसमें सिस्टोलिक बीपी का मानक 140-159 प्वाइंट रखा गया और डाईस्टोलिक (diastolic) बीपी 90 से 100 प्वाइंट के बीच रखा गया था. हर प्रतिभागी का अलग-अलग पोजिशन में 6 बार बीपी नापा गया. रिसर्च में 105 लोगों में हृदय रोग संबंधी संकेत पाए गए. ये वो लोग थे जो ये मान कर चल रहे थे कि वे स्वस्थ हैं और अपनी सेहत का खयाल रखते हैं.
ओवर एग्जर्शन तो नहीं खराब कर रहा दिल की सेहत?
हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज आर्टरीज पर स्ट्रेस डालती हैं. वही लंबे समय तक हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से अचानक हार्ट रेट के रुकने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि ज्यादा वजन उठाने से भी हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यदि आप हार्ट डिजीज से ग्रसित हैं और हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करती हैं, तो अनिश्चित रूप से कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बना रहता है. ऐसे स्थिति में ज्यादातर लोगों की मृत्यु हो जाती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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World Heart Day 2022 : हार्ट अटैक से बचना है तो फ़ौरन बदलें बीपी मापने का यह पुराना तरीक़ा