आंखे शरीर का महत्वपूर्ण और बहुत ही नाजुक अंग हैं. ऐसे में आंखों के प्रति जरा सी भी लापरवाही आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ सालो में आंखों की गंभीर बीमारी काला मोतिया (Kala Motia) यानी ग्लूकोमा (Glaucoma) बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बना रही है. आजकल ये बीमारी उम्रदराज ही नहीं, बल्कि कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है. लेकिन, फिर भी इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता (World Glaucoma Day) कम है. ऐसे में लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता लाने के लिए हर साल 12 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा डे (World Glaucoma Day 2024) और वर्ल्ड ग्लूकोमा वीक मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में...
क्या है ग्लूकोमा? (What Is Glaucoma?)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्लूकोमा आंखों की ऐसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे आंखों की रोशनी छीन लेती है. इसे आम भाषा में काला मोतिया या आंखों का चोर" भी कहा जाता है. इस स्थिति में हमारी ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त हो जाती है और ऑप्टिक नर्व्स ही हमारे रेटिना को दिमाग से जोड़ती हैं. ऐसे में इनके डैमेज हो जाने से दिमाग को संकेत मिलना बंद हो जाते हैं और दिखना बंद हो जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस बीमारी के गंभीर हो जाने पर दृष्टि को वापस लाना असंभव हो जाता है.
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क्या है ग्लूकोमा होने के कारण (Glaucoma Causes)
दरअसल आंख के अंदर पड़ने वाले सामान्य दबाव के चलते ग्लूकोमा होता है. इसके अलावा ग्लूकोमा होने के कई अन्य कारण भी हैं, जिनमें आंख के अंदर ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ का जमा होना, आंखों से पानी निकालने वाली नली का बाधित होना, आनुवंशिक कारण, दवाईयों का बुरा असर या उच्च रक्तचाप व डायबिटीज भी शामिल हैं.
ग्लूकोमा के लक्षण क्या हैं (Glaucoma Symptoms)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस व्यक्ति को ग्लूकोमा की बीमारी हो जाती है, उसकी आंखो की रोशनी कम होने लगती है और उसे धुंधला दिखाई देता है. इसके अलावा ऐसी स्थिति में आंखे लाल हो जाती है और लगातार सिरदर्द होता रहता है. वहीं आंखों में तेज दर्द, जी मचलाना और उल्टी भी इसके प्रमुख लक्षणों में से एक हैं. ऐसे में इन लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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कैसे करें बचाव (Glaucoma Prevention Tips)
ग्लूकोमा धीरे-धीरे हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में लक्षण दिखते ही, जितना जल्दी इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि जितना जल्दी इसका इलाज होगा उतना आंखों को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है. इसलिए लगातार आंखों की जांच करवाते रहें और अपने आंखों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाएं. वहीं अगर आपको ग्लूकोमा बीमारी है तो डॉक्टर से इसका इलाज करवाएं.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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