डीएनए हिंदी : एक हैरतअंगेज आंकड़े में निकलकर सामने आया है कि दुनियाभर में हर रोज़ लगभग 800 औरतें अपनी जान गंवा रही हैं. ये सभी औरतें बच्चे को जन्म देते हुए या फिर उससे जुड़ी दिक्कतों की वजह से ज़िन्दगी से हाथ दो रही हैं. इसमें और भी अधिक डरावनी बात यह है कि इनमें हर पांचवी महिला भारत की है. इतना ही नहीं नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां मसलन हार्ट अटैक, स्ट्रोक, सांस की समस्या की वजह से भारत की सत्तर प्रतिशत महिलाओं की जान जाती है.
पिछले दिनों ज़ारी हुए नेशनल फैमिली सर्वे के अनुसार 15 से 49 वर्ग के बीच की भारत की 51% महिलाएं ऎनेमिक हैं.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार भारत उन कुछेक देशों में शामिल है जहां नवजात शिशु की उम्र दर चाहे लड़का हो या लड़की लगभग बराबर रहती है पर समय के साथ भारतीय महिलाओं का स्वास्थ्य उनके सोशल स्टेट्स ओर निर्भर हो जाता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत लैंगिक समानता में सबसे पिछड़े देशों में एक है. देश में अब भी लोगों की चाहत बेटों को लेकर है. अक्सर यह चाहत बेटियों के साथ भेद-भाव के तौर पर नज़र आती है.
गौरतलब है कि महिलाओं के खराब स्वास्थ के दुष्प्रभाव केवल उस महिला तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि बड़े स्तर पर समूचे पारिवारिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं. अस्वस्थ महिलाएं कम वजन वाले बच्चों को जन्म देती हैं. इस तरह चक्र में पूरे परिवार के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. शहरों में सरकार ने फिर भी ध्यान रखा है. गांवों में महिलाओं की हालत विशेष रूप से बिगड़ी हुई है. इन महिलाओं के लिए अतिशीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं की दरकार है.
SKY Clinics सुधार रहा है गांव की महिलाओं का स्वास्थ्य
टेली-मेडिसीन ऐसी ही समस्याओं का समाधान है. उत्तर प्रदेश में बहुत हद तक महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सजगता फ़ैलाने वाला रिमोट टेक्नोलॉजी सिस्टम टेली-मेडिसीन सिस्टम टेलीकम्यूनिकेशन और सूचना तकनीक के सहारे अपना काम करता है. SKY Clinics के नाम से चल रही यह सेवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और इंटरनेट सेवा के ज़रिये ग्रामीण महिलाओं को देश के किसी भी कोने से एक्सपर्ट डॉक्टर से सही सलाह लेने में मदद करती है. इन SKY Clinics को अमूमन फीमेल रूरल हेल्थ प्रैक्टिशनर्स चलाती हैं. सूचनाओं के मुताबिक अबतक 60 लाख से अधिक महिलाओं को उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इससे फायदा मिल चुका है.
यह लेख डॉ. नीलम गुप्ता ने लिखा है. वह AROH फाउंडेशन की संस्थापिका हैं.
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Women's Health : दुनिया में रोजाना मरने वाली हर 5वीं औरत भारतीय, जानें किस वजह से हैं ऐसे हालात