डीएनए हिंदी: (Uric Acid Control Tips) यूरिक एसिड का हाई लेवल गंभीर समस्याओं में से एक है. यह व्यक्ति को बैठने पर मजबूर कर देते हैं. इसे व्यक्ति को घूमना फिरना तो दूर उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. इसकी मुख्य वजह खराब खानपान और बिना वर्कआउट वाली दिनचर्या है. ज्यादा प्यूरीन, प्रोटीन, फैट डाइट और सरसों व रिफाइंड से बने खाने की वजह से भी यूरिक एसिड का लेवल हाई हो जाता है. इसे यूरिक के क्रिस्टल्स हड्डियों के बीच जमकर जोड़ों में गैप पैदा करने लगते हैं, जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन और चुभन बढ़ जाती है. अधिक समय तक इसका हाई लेवल जोड़ों को जाम कर देता है. इसके साथ ही प्यूरीन की अधिक मात्रा किडनी में पथरी बना देती है.
ऐसी समस्या होने पर दवाई गोली ही नहीं, सही डाइट भी यूरिक एसिड लेवल को कम कर सकती है. इसके कंट्रोल में आते ही जोड़ों में होने वाला दर्द और सूजन गायब हो जाती है. वहीं किडनी से पथरी भी फ्लश आउट हो जाती थी.इसके लिए डाइट में प्रोटीन, हाई फैट और फाइबर युक्त भोजन का कम सेवन करने के साथ ही डाइट में सूरजमुखी और ऑलिव ऑयल को शामिल कर सकते हैं. यह बॉडी फैट के साथ ही यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करता है. इसे यूरिक एसिड की वजह से होने वाली दिक्कते दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं इन दोनों तेलों का सेवन का तरीका और फायदे...
सूरजमुखी का तेल
अगर आप हाई यूरिक एसिड के मरीज हैं. जोड़ों में दर्द और सूजन रहती है तो अधिक प्रोटीन और न्यूरीन युक्त चीजों के साथ ही खाने वाले तेल में भी बदलाव कर दें. रिफाइड और सरसों तेल की जगह सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसकी वजह सूरजमुखी के तेल में प्यूरीन की मात्रा बेहद कम होती है. इसे यूरिक एसिड कंट्रोल में रहता है. इसके साथ सूरजमुखी के तेल में मिलने वाले मैग्नीशियम और एंटी इंफ्लेमेटरी इफेक्ट बेहद कारगर होते हैं. यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करते हैं. मेटाबोलिज्म को बूस्ट कर एक्स्ट्रा फैट बढ़ने से रोकते हैं.
ऑलिव ऑयल
हाई यूरिक एसिड की स्थिति में अगर आपको सूरजमुखी का तेल पसंद नहीं है तो ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसकी वजह ऑलिव ऑयल का एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होना है. इसमें प्यूरीन की मात्रा न के बराबर होती है. इस तेल से बनी चीजों को खाने से यूरिक एसिड का लेवल अपने आप डाउन हो जाता है. यह जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है. इतना ही नहीं यह दिल, लिवर और किडनी को डिटॉक्स करने का काम करता है. इन फैट नहीं जमने देता. इसके तेल का इस्तेमाल करने पर आप कई गंभीर बीमारियों से बचें रह सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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यूरिक एसिड मरीजों को नहीं खाने चाहिए सरसों और रिफाइड, इन 2 तेल को शामिल करने पर कंट्रोल हो जाता है Uric Acid