डीएनए हिंदीः हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत आसानी से नजर नहीं आते हैं लेकिन ये कई बार आंखों, पैरों और जीभ में दिखाई देते हैं और तब आपको समझ लेना चाहिए कि आपकी ब्लड से अब नसों में वसा जमने लगी है. ये संकेत चेतावनी देते हैं कि आपको कभी भी हार्ट अटैक या स्ट्रोक आ सकता है. 

हाई कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है . नसों में जमा ये मोमी पदार्थ दिल के दौरे या स्ट्रोक ही नहीं पैरालेसिस का भी कारण बन सकता है. वसा का ये जमाव धमनियों में रक्त के प्रवाह को भी बाधित करता है और खून में थक्का बनने का कारण बनता है. 

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कब कोलेस्ट्रॉल होता है जानलेवा 
कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं- एचडीएल (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) और एलडीएल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन). इन्हें अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है. अच्छा कोलेस्ट्रॉल एचडीएल है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि हार्मोन और विटामिन डी के अवशोषण के लिए. वहीं, खराब कोलेस्ट्रॉल, जो एलडीएल कहलता है ये नसों में जमा होकर ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है. आज आपको उन तीन लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आंखों, त्वचा और कभी-कभी जीभ पर भी दिखने लगते हैं और ये खतरे का संकेत होता है.

पैरों में हाईकोलेस्ट्रॉल के लक्षण
पैरों में हाईकोलेस्ट्रॉल के सबसे आम लक्षणों में से एक क्लॉडिकेशन. यह तब होता है जब कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण पैरों में रक्त वाहिकाएं संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं. परिणामस्वरूप, पैर में दर्द होता है या ऐंठन और सूजन आने लगती है. यह दर्द आम तौर पर आराम करते समय बढ़ता है.

अन्य लक्षणों में आपके पैरों में शारीरिक परिवर्तन दिख सकते हैं जैसे नाखून और त्वचा का पीला होना या काला पड़ना, मांसपेशियों में दर्द जिसे क्लॉडिकेशन के रूप में जाना जाता है, जिसमें दर्द, ऐंठन, सुन्नता और थकान हो सकती है. यह दर्द चलने या अन्य शारीरिक गतिविधि के साथ होता है.बट, कूल्हे, जांघ या पैर में भी हो सकता है. दर्द आमतौर पर उन मांसपेशियों में होता है जहां धमनियां कोलेस्ट्रॉल और वसा के निर्माण से प्रभावित होती हैं. 

पैर की स्किन चिकनी, चमकदार और पीली नजर आती हैं, क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो रहा होता है. पैर के बाल गिरने लगते हैं. कई बार त्वचा का कोलन बदलने लगता है और सामान्य से अधिक गहरा (हाइपरपिगमेंटेड) हो सकता है. नीला रंग बन सकता है (सायनोसिस कहा जाता है). आपके पैर और तलवे बेहद ठंडे हो सकते हैं.

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खराब रक्त प्रवाह कोशिकाओं, ऊतकों और नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे त्वचा पर घाव (अल्सर) बन सकते हैं, खासकर अगर कोई छोटी सी चोट हो. ये घाव धीमे और मुश्किल से ठीक हो सकते हैं.

आंखों में हाईकोलेस्ट्रॉल के लक्षण

शरीर का एक अन्य क्षेत्र जो हाईकोलेस्ट्रॉल से प्रभावित हो सकता है वह है आंखें. हाईकोलेस्ट्रॉल से ज़ैन्थेल्मास हो सकता है, जो वसा के पीले रंग के जमा होते हैं जो पलकों पर दिखाई दे सकते हैं. ये दर्दरहित पीले वसा के दाने होते हैं.

इसके अलावा आंखों के नीचे की त्वचा पर नारंगी या पीले रंग के धब्बे दिखने लगते हैं. ये शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कोलेस्ट्रॉल के धब्बे अचानक नहीं बनते हैं , यह एक धीमी प्रक्रिया है. जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो यह शरीर के बाहरी हिस्सों में दिखना शुरू हो जाता है. इससे रोगी की दृष्टि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन कोलेस्ट्रॉल के हाईस्तर के कारण आंखों के ऊपर और नीचे पीले-सफेद धब्बों का बनना. चिकित्सकीय भाषा में इसे आर्कस सेनिलिस के नाम से जाना जाता है और यह ज्यादातर 35 साल की उम्र के बाद प्रभावित करता है."

हाईकोलेस्ट्रॉल रेटिना को भी प्रभावित कर सकता है. रेटिना आंख के पीछे स्थित प्रकाश-संवेदनशील ऊतक होता है. यह रेटिना धमनी और रेटिना नस के माध्यम से रक्त की आपूर्ति प्राप्त करता है. जब लिपिड टूट जाता है और नस को अवरुद्ध कर देता है, तो स्थिति को रेटिना नस अवरोधन के रूप में जाना जाता है. जब धमनी अवरुद्ध हो जाती है, तो स्थिति को रेटिना धमनी अवरोधन कहा जाता है जिसे स्ट्रोक के रूप में भी जाना जाता है.

इस स्थिति में दृष्टि में परिवर्तन, धुंधली दृष्टि, फ्लोटर्स आंखों में दिखते हैं  और आंखों में दर्द  हो सकता है. हाईकोलेस्ट्रॉल आर्कस सेनिलिस के रूप में आंखों में उपस्थित हो सकता है. इस स्थिति में, कॉर्निया की परिधि के चारों ओर एक सफेद, नीले या भूरे रंग का छल्ला बन जाता है क्योंकि कॉर्निया में अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. 

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जीभ में कोलेस्ट्रॉल के लक्षण

जीभ भी हाई कोलेस्ट्रॉल से प्रभावित हो सकती है. जीभ की सतह पर छोटे-छोटे उभार (पैपिल्ले) बढ़ जाते हैं और उनका रंग फीका पड़ जाता है. इन परिवर्तनों से जीभ पर रेशे नजर आने लगते हैं और ये सफेद से काले रंग में बदल सकती है सकते है. यह सांसों की दुर्गंध और मुंह में खराब स्वाद का कारण बन सकते हैं. जीभ की नोक में बैंगनी नीला रंग होता है या ये नोक पर रक्त ठहराव के धब्बे हो सकते हैं. सब्लिंगुअल नसें गहरी या टेढ़ी और मोटी होती हैं.

शरीर में धमनियां शरीर के विभिन्न हिस्सों में पोषण और ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं लेकिन कोलेस्ट्रॉल के संचय से इन धमनियों में रुकावट हो सकती है. इससे शरीर को ऑक्सीजन और पोषण की आपूर्ति में कमी आती है. पैरों और हाथों के नाखून, और त्वचा का रंग बदलने लगता है. ये लक्षण कभी-कभी जीभ पर भी देखे जा सकते हैं. जीभ पीली हो सकती है या जीभ की नसें नीली हो सकती हैं.

 इसलिए नियमित जांच-अप के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करना और एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना महत्वपूर्ण है जो हाई कोलेस्ट्रॉल को रोकने में मदद कर सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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signs appear in eyes feet tongue means bad cholesterol accumulating in blood-veins risk of stroke heart attack
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आंख-पैर और जीभ में दिखने लगे ये संकेत तो समझ लें ब्लड और नसों में बुरी तरह से जम
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आंख-पैर और जीभ में दिखने लगे ये संकेत तो समझ लें ब्लड और नसों में बुरी तरह से जमने लगा है गंदा कोलेस्ट्रॉल