डीएनए हिंदी: (Uric Acid Home Remedies) यूरिक एसिड खानपान के पाचन से निकलने वाला एक टाॅक्सिन है. इसमें प्यूरीन होता है. प्यूरीन को किडनी यूरिन के रास्ते बाहर करती रहती है, लेकिन इसकी अधिकता होने पर यह शरीर में जमा जाता है. प्यूरीन एकत्र होकर टूट जाता है. इसी के बाद यूरिक एसिड बनात है. यह खून के साथ मिलकर हड्डियोंं के जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जम जाता है. इसकी वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन के साथ ही गाउट की समस्या होने लगती है. यूरिक एसिड का हाई लेवल किडनी में प्यूरीन की पथरी जमा देता है. इसे किडनी प्रभावित होने लगती है. इसे कंट्रोल न करने पर यह उठना बैठना तक मुश्किल कर देता है.
ऐसे में प्यूरीन युक्त चीजों से दूरी बनाकर मूली का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है. मूली में प्यूरीन न के बराबर होता है. इसके साथ ही मूली तें फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, एंथीकाइनिन, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुण भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. ये किडनी को डिटाॅक्स करने का काम करते हैं. इसे किडनी की कार्य क्षमता बढ़ जाती है. साथ ही मूली में मौजूद पोषक तत्व यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते हैं.
यूरिक एसिड में ये हैं मूली का जूस पीने के फायदे
शरीर से डिटॉक्स कर सकता है प्यूरीन
मूली में आयरन, फाइबर के अलावा इंडोल 3, मिथइलथियो, आइसोथियोसाइनेट जैसे तत्व पाएं जाते हैं. ये लिवर को डिटाॅक्स करते हैं. मूली का जूस पीने से प्यूरिन पचाने और किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है. इसे यूरिक एसिड का हाई लेवल भी कम हो जाता है. साथ ही जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन में आराम मिलता है.
यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने से रोकता है
यूरिक एसिड का लेवल हाई होते ही ये क्रिस्टल के रूप में हड्डियों और जोड़ों में जमा हो जाता है. यह गाउट की समस्या को बढ़ा देता है. ऐसे में मूली का सेवन क्रिस्टल को तोड़कर पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद करता है. यह गाउट की समस्या को भी कम करती है. इसके लिए मूली सेवन सलाद और जूस में कर सकते हैं. यह किडनी की पथरी को भी बाहर करता है.
ऐसे करना चाहिए मूली का सेवन
यूरिक एसिड में मूली का सेवन दो तरीके से किया जा सकता है. इसमें पहला मूली को सलाद के रूप में खा सकते हैं. दूसरा इसका जूस या काढ़ा बना सकते हैं. इसके लिए मूली को पीसकर उसके साथ कपीला के बीज, पीपल की छाल, अजवाइन, और नीम की छाल मिलाकर काढ़ा बना लें. इसका सुबह खाली पेट और शाम के समय सेवन करें. इस काढ़े से पेशाब आता है. इसके साथ ही किडनी डिटाॅक्स होती है. किडनी की कार्य क्षमता में सुधार होता है. यह काढ़ा किडनी में पथरी होने से रोकता है. साथ ही यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल कर देगी मूली, जूस पीते ही फ्लश आउट हो जाएगा प्यूरीन, जोड़ों का दर्द भी होगा खत्म