Bone Scans To Spot Heart And Fracture Risks- आमतौर पर शरीर में पनप रही किसी बीमारी का पता तब लग पाता है, जब उस बीमारी के लक्षण शरीर में नजर आने लगते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ खास बीमारियों के लक्षण देर से दिखते हैं. ऐसे में देर से पहचान होने के कारण मरीज का सही इलाज नहीं हो पाता है. हालांकि अब ऑस्ट्रेलियाई और कनाडाई शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम (Machine Algorithm) विकसित किया है, जिसकी मदद से नियमित अस्थि घनत्व स्कैन का उपयोग करके हृदय रोग और फ्रैक्चर के जोखिमों की जल्द पहचान की जा सकती है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह खास तकनीक ऑस्ट्रेलिया की एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी और कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाई है.

क्या है इसकी खासियत? 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे हड्डियों की जांच के दौरान ही अन्य गंभीर बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकेगा, जिससे बुजुर्गों की सेहत बेहतर हो सकेगी. दरअसल यह रीढ़ की हड्डी की स्कैन इमेज यानी VFA देखकर पेट की मुख्य धमनी के कैल्सिफिकेशन यानी AAC की पहचान करता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक AAC दिल के दौरे, स्ट्रोक और गिरने जैसे जोखिमों से जुड़ा होता है, जिसके बार में पहले पता करने में 5–6 मिनट लगते थे. 

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हालांकि अब यह नई तकनीक हजारों इमेज को एक मिनट से भी कम समय में जांच करने में सक्षम है और इससे बड़ी संख्या में लोगों की जल्दी जांच करना संभव होगा.

दिल की बीमारी का पता

एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाएं अक्सर दिल की बीमारी की जांच नहीं करा पाती और इलाज भी नहीं हो पाता, इस बीमारी के कोई साफ लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए यह समस्या कई बार छुपी रह जाती है. हालांकि इस नई तकनीक से हड्डियों की जांच करते समय ही इसका पता लग सकता है. AAC न सिर्फ दिल की बीमारी का संकेत है, बल्कि यह गिरने और हड्डी टूटने का भी बड़ा कारण हो सकता है और इसका पता लगाने में नया एल्गोरिदम पुराने तरीकों से ज्यादा सही जानकारी देता है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक जितना अधिक AAC होता है, व्यक्ति के गिरने और हड्डी टूटने का खतरा उतना ही ज्यादा होता है. आमतौर हेल्थ एक्सपर्ट्स इस पर ध्यान नहीं देते, यह नई तकनीक इस कमी को पूरा कर सकती है.

क्या है फायदा

बताते चलें कि हड्डियों की सामान्य जांच कराने वाली 58% बुजुर्ग महिलाओं में मध्यम से ज्यादा AAC मिला, लेकिन उन्हें दिल की बीमारी के इस खतरे की जानकारी नहीं थी. इससे अब हड्डियों की जांच के दौरान ही मरीज की धमनी और दिल की सेहत की भी जानकारी मिल सकती है, इसकी मदद से हड्डी कमजोर होने पर गिरने के जोखिम या फ्रैक्चर का पहले ही पता लगाकर समय रहते इलाज किया जा सकता है. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)   

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अब दिल की बीमारी-फ्रैक्चर को मिनटों में डिटेक्ट करेगा नया Machine Algorithm
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वैज्ञानिकों की अनोखी खोज! अब दिल की बीमारी-फ्रैक्चर को मिनटों में डिटेक्ट करेगा नया Machine Algorithm

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