डीएनए हिंदीः वैरिकोज वेन्स एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसकी वजह से नसें बड़ी, चौड़ी या रक्त से ज्यादा भर जाती हैं और मरीज को भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा इस बीमारी में वैरिकोज वेन्स अक्सर सूजी औैर उभरी हुई नसों के रूप में सामने आती हैं, जोकि नीले या लाल रंग की दिखती हैं. कई बार इसे लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके चलते ये बीमारी आगे चलकर और भी ज्यादा गंभीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आती है. बता दें कि पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में इस बीमारी का जोखिम रहता है और अधिकतर मामलों में वैरिकोज वेन्स पैरों को प्रभावित करती हैं. ऐसे में इसके लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं शरीर में क्यों बनता है वैरिकोज वेन्स और क्या हैं इसके लक्षण...
वैरिकोज वेन्स का कारण (Varicose Veins Causes)
बता दें कि वैरिकोज वेन्स तमाम कारणों से हो सकता है और इनमें मोटापा, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना, ज्यादा टाइट जीन्स पहनना, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव आदि शामिल हैं. इसके अलावा महिलाओं में वेरिकोज वेन्स पीरियड्स की वजह से भी होता है. कई लोगों में ये फूड या एलोपैथिक दवाओं के रिएक्शन के कारण भी बनता है.
कैसे बनता है वैरिकोज वेन्स (Explain How Varicose Veins Develop)
दरअसल शरीर की नसों में मौजूद वॉल्व ब्लड को शरीर के ऊपरी हिस्से में पहुंचाने का काम करते हैं और जब ये वॉल्व किसी वजह से काम करना बंद कर देते हैं, तो इसकी वजह से ब्लड ऊपर न पहुंचकर नसों में ही जमा होने लगता है. जिससे धीरे-धीरे कर नसें फूलने लगती हैं और कमजोर पड़ने लगती है. ऐसे में इसी वैरिकोज वेन्स से त्वचा के अंदर गुच्छा बन जाता है, जिसे स्पाइडर वेन्स (Spider Veins) भी कहा जाता है.
वैरिकोज वेन्स के लक्षण (Varicose Veins Symptoms)
बता दें कि वैरिकोज वेन्स की परिस्थिति में शरीर में कुछ बदलाव और लक्षण देखने को मिलते हैं और इसी के आधार पर आप इस बीमारी का पता लगा सकते हैं. इन लक्षणों में शामिल हैं नसों का नीला-बैंगनी पड़ना, बैठने-खड़े होने पर दर्द होना, नसों के पास खुजली होना और पैरों में लगातार दर्द की समस्या. इसके अलावा कुछ परिस्थितियों में मांसपेशियों में ऐंठन और जलन व नसों में फूलना-मुड़ जाना भी शामिल हैं.
क्या है वैरिकोज वेन्स का इलाज (Varicose Veins Treatment)
वैरिकोज वेन्स से राहत पाने के लिए डेली वर्कआउट करें और साथ ही सबसे पहले वजन कम करने पर ध्यान धें. इसके अलावा आपको अपनी डाइट का भी ख्याल रखना है. इसके लिए फाइबर रिच डाइट खाएं और सोने के दौरान अपने पैरों को थोड़ा ऊपर रख कर सोएं. डॉक्टर से सलाह-मश्वरा जरूर लें..
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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