पीठ या कूल्हे में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं. खास कर महिलाओं में कमर में दर्द की समस्या सबसे ज्यादा होती है. यही कारण है लोग कमर दर्द को हल्के में लेते हैं. लेकिन अगर ये ये एक साइट कमर में हो और दर्द पैरों तक जाने लगे तो बिलकुल भी नजरअंदाज न करें. क्योंकि ये कई तरह की समस्याओ की वजह से होता है. खास कर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी होती है ये समस्याएं.
आज आपको कमर और पैर में दर्द के उन कारणों या बीमारी के बारे में बताएंगे जिनका संबंध रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है. यदि कारण की पहचान और उपचार नहीं किया गया तो इससे आगे और भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कूल्हे का यह दर्द आपकी हड्डियों और नसों से जुड़ा हुआ है? यदि इसका उपचार न किया जाए तो समय के साथ यह गंभीर हो सकता है. कूल्हे में दर्द के क्या कारण हैं?
साइटिका
इसमे स्पाइन की L3, L4, L5 की नसें दब जाती है, जिससे कमर से पैर तक दर्द जाता है. अगर रीढ़ की हड्डी सीधी न रखने या लगातार बैठे रहने से भी ये समस्याएं होती हैं.
फाइब्रोमायल्जिया
फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पूरे शरीर में दर्द, थकान, नींद की समस्याएँ और अन्य लक्षण होते हैं, जो अक्सर महिलाओं में देखे जाते हैं.
थकान
पीठ दर्द का मुख्य और सबसे आम कारण थकान है. भारी वस्तुएं उठाने से रीढ़ के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. बार-बार तनाव मांसपेशियों में ऐंठन का एक जोखिम कारक है. इसलिए उचित आराम करना महत्वपूर्ण है.
डिस्क समस्याएं
रीढ़ की हड्डी एक दूसरे से जुड़ी हुई हड्डियों से बनी होती है. यह एक दूसरे के ऊपर रखा हुआ है. दो लगातार कशेरुकाओं के बीच एक डिस्क होती है जो कुशन का काम करती है. पीठ दर्द तब होता है जब इनमें से एक या अधिक डिस्क हर्नियाग्रस्त या फट जाती हैं. दर्द अक्सर तब होता है जब कोई तंत्रिका उभरी हुई डिस्क के कारण दब जाती है. ऐसी स्थिति को साइटिका कहा जाता है.
वात रोग
ऑस्टियोआर्थराइटिस पीठ दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पीठ के निचले हिस्से के जोड़ों के कार्टिलेज में कोई समस्या होती है. ऑस्टियोआर्थराइटिस स्पाइनल स्टेनोसिस में भी परिवर्तित हो सकता है. ऐसा उस स्थिति के कारण होता है जिसमें रीढ़ की हड्डी के चारों ओर जगह कम हो जाती है.
स्कोलियोसिस
स्कोलियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी असामान्य रूप से एक ओर मुड़ जाती है. यह स्थिति मध्य आयु में हो सकती है और आमतौर पर दर्दनाक होती है. गुर्दे की पथरी: गुर्दे के अंदर बनने वाली पथरी भी कूल्हे में दर्द का कारण बन सकती है.
पीठ दर्द का इलाज कैसे किया जाना चाहिए?
पीठ दर्द आमतौर पर एक स्व-सीमित स्थिति है. लेकिन अगर यह ठीक नहीं होता है, तो आपको उपचार लेना चाहिए. पीठ दर्द के इलाज के लिए एक्यूपंक्चर या शियात्सू थेरेपी भी की जा सकती है. इसे उंगली दबाव चिकित्सा भी कहा जाता है.
ये उपाय आएंगे काम
सबसे पहले अपना पॉश्चर सुधारें. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. इससे दर्द में आराम मिलेगा. साथ ही कुछ योग करें और वॉकिंग करें. इसके आलावा शिआत्सु उपचार लें. इसमें शरीर में ऊर्जा रेखाओं पर उंगलियों, अंगूठों और कोहनियों से दबाव डालकर नसों को खोला जाता है. इसके अलावा, आपको अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक अच्छी जीवनशैली अपनानी चाहिए. दैनिक कार्यों को ठीक से करने और अचानक कोई भी कार्य करने से बचने से पीठ दर्द से बचने में मदद मिल सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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