डीएनए हिंदी: सब्जियां दर्जनों पोषक तत्वों से भरपूर होती है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स डाइट में हरी और ताजी सब्जियों को खाने की सलाह देते हैं. खासकर हरी सब्जियों की बात की जाएं तो पालक और केल का नाम सबसे पहले आता है. इन दोनों सब्जियों में दर्जनों पोषक तत्व होते हैं, जो डायबिटीज से लेकर कोलेस्ट्रॉल जैसी घातक बीमारियों को पनपने नहीं देती. ये क्रूसिफेरस सब्जियां अलग अलग तरह के रंगों, आकारों और बनावट में आती हैं. एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर ये सब्जियां कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचाव करती है.
इन पोषक तत्वों से होती है भरपूर
केल और पालक दोनों में ही फाइबर से लेकर कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और कई सारे मिनरल्स पाएं जाते हैं. इनकी सब्जी खाने से कई सारी बीमारियों का खतरा टल जाता है. वहीं शरीर को सेहतमंद बनाएं रखने बीमारियों से लड़ने में सहायता करती है, लेकिन इन दोनों ही सब्जियों को कच्चा खाना बीमारियों को दावत देने जैसा है. यह बेहद खतरनाक रूप ले लेती हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो इन दोनों ही सब्जियों को कच्चा खाने से इन 5 बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
इसलिए कच्चा खाना है नुकसानदायक
एक्सपर्ट्स की मानें तो केल और पालक दोनों में ही ऑक्सालिक एसिड नाम का एक यौगिक पाया जाता है. यह बॉडी में कैल्शियम और दूसरे खनिजों के साथ जुड़ सकता है और अघुलनशील क्रिस्टल बना देता है. इन दोनों सब्जियों को कच्चा खाने पर ऑक्सालिक एसिड जो पकाने से नहीं टूटता और यह शरीर में कैल्शियम, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के अवशोषण में मदद कर सकता है. यह ब्लड शुगर को स्पाइक होने से रोकता है, लेकिन इसका ज्यादा कच्चा खाने से शरीर के खनिज अवशोषण को यह कम कर देता है. इसकी वजह किडनी पत्थरी से लेकर गठिया तक की समस्या हो जाती है. ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट्स इन्हें कच्चा न खाने की सलाह देते हैं.
इन 5 बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
अगर आपका यूरिक एसिड लेवल हाई है तो भूलकर भी केल और पालक का कच्चा सेवन नहीं करना चाहिए. इसकी वजह यह यूरिक एसिड को बढ़ाकर जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है. इसके अलावा गठिया और पेट की फूलने जैसी परेशानियां भी हो सकती है. किडनी में पथरी का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसके अलावा यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का खतरा बढ़ा देती है. यह सूजन और गैस का खतरा भी बढ़ा देती है.
पकाकर या भाप देकर खाना है बेहतर
एक्सपर्ट्स की मानें तो पालक या केल दोनों को ही पकाकर या फिर हल्की भाप लगाकर खाना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. इससे बैक्टीरियां मर जाते हैं और ऑक्सालिक एसिड तोड़ने में भी मदद मिलती है. इससे पोषक तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है. वहीं यूरिक एसिड से लेकर एसिडिटी से परेशान जो भी लोग कच्चा पालक और केल का सेवन करते हैं. उन्हें यह परेशानी ज्यादा हो सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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पोषक तत्वों से भरपूर ये 2 सब्जियां कच्चा खाने पर बढ़ा देती हैं 5 बीमारियों का खतरा, चलना भी हो जाता है मुश्किल