डीएनए हिंदीः बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान की बुरी आदतों का असर पुरूषों में नपुंसकता के रूप में नजर आने लगा है. खास बात ये है कि कुछ बीमारियां कम उम्र में ही शरीर में घर कर जाती हैं और इसे पहचान न पाने का नतीजा नपुंसकता के रूप में सामने आ रहा है.
कम उम्र के युवाओं में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या गंभीर रूप ले रही है. अगर आप इस बात से निश्चिंत हैं कि नपुंसकता जैसी बीमारियां 50 की उम्र के बाद से होती हैं तो बता दें कि 20 साल की उम्र से भी इसका खतरा बराबर होता है और अगर आप 5 तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं तो इसका खतरा दोगुना होगा.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है
इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ही नपुसंकता कहते हैं. यौन संबंधित रोग तब होता है जब लिंग में पर्याप्त तनाव या इरेक्शन नहीं हो पाता है. जब लिंग और उसके आसपास वाले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन सही न होने से ऐसा होता है.
NCBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 20-29 वर्ष के आयु वर्ग के 8% पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित हैं.30-39 आयु वर्ग के 11% पुरुष भी स्की चपेट में हैं.ऐसे कई कारक हैं, जो युवाओं को उनके 20 के दशक में भी नपुसंकता का मरीज बना सकते हैं.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण क्या हैं
- इरेक्शन में परेशानी महसूस होना यानी लिंग का खड़ा न होना
- लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी
- कम सेक्स ड्राइव की इच्छा में भी कमी आना
- शर्मिंदगी की भावना से स्ट्रेस बढ़ना
अगर आपकों इरेक्टाइल डिस्फंकशन के लक्षण नजर आएं तो आप नीचे दी गई बीमारियों के लिए ब्लड टेस्ट जरूर करा लें क्यांकि निश्चित तौर पर आपके शरीर में ये बीमारियां अपनी जगह बना रही होंगी.
इन समस्या में बढ़ता है इरेक्टाइल डिसफंक्शन
हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
अगर नसों में वसा का जमाव ज्यादा होने लगे तो भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन सहीं न होने के कारण लिंग में ब्लड का बहाव कम होने लगता है. हाई कोलेस्ट्रॉल लाइफस्टाइल जनित रोग में टॉप पर मना जाता है और इससे अब कम उम्र के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.
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डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज आपकी यौन उत्तेजना और इरेक्शन को प्रभावित कर सकता है.डायबिटीज के कारण बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल आपके शरीर की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है.डायबिटीज लिंग के अंदर की नसों के साथ-साथ उसके आसपास की नसों को भी प्रभावित कर सकता है.
डिप्रेशन (Depression)
दिमाग ओ अगर सबसे बड़ा यौन अंग कहा जाए तो गलत नहीं होगा.यह वह जगह है जहां यौन संबंध के लिए आपकी इच्छा और उत्तेजना उत्पन्न होती है.जिन लोगों को अवसाद है, उनमें दिमाग के रसायनों में असंतुलन के कारण कम सेक्स ड्राइव हो सकती है.
सेक्सुअल परफॉरमेंस को लेकर चिंता ( Stress foe Sexual Performance)
कई युवा पुरुष अपने 20 के दशक में सेक्सुअल परफॉरमेंस को लेकर चिंता महसूस करते हैं.इसमें घबराहट महसूस होना या अपने साथी को खुश न कर पाने की चिंता आदि शामिल हैं.अत्यधिक तनाव से इरेक्शन प्राप्त
करना मुश्किल हो सकता है.2005 के एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि परफॉरमेंस को लेकर चिंता पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन अक्षमता पैदा कर सकती है.
हार्मोनल से जुड़े रोग (Hormonal disorders)
कई हार्मोन हैं जो नपुसंकता का कारण बन सकते हैं अगर उनका लेवल कंट्रोल में नहीं है.इनमें टेस्टोस्टेरोन एक है जिसका लेवल कम होने से यौन इच्छा में कमी के साथ-साथ नपुसंकता भी हो सकता है.इसी तरह प्रोलैक्टिन हार्मोन का लेवल बढ़ने से भी यह हो सकता है.थायराइड का लेवल बहुत अधिक या बहुत कम होना भी इसका कारण बन सकता है.
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स्मोकिंग की लत (Smoking Habit)
अगर आपको स्मोकिंग की लत है तो आप आसानी से इरेक्टाइल डिसफंक्शन का शिकार हो सकते हैं.सिगरेट और अन्य तंबाकू वाले उत्पादों में मौजूद निकोटीन पूरे शरीर में रक्त संचार को बाधित करता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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20 की उम्र में ही 'नपुंसक' बना देंगी ये बीमारियां, ये खतरनाक लक्षण नजर आते ही कराएं ये टेस्ट