कैंसर (Cancer) आज के दौर में मौत का एक बड़ा कारण बन चुका है, यही वजह है कि कैंसर नाम से ही लोग खौफ खाते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस जानलेवा बीमारी में शरीर में सेल्स तेजी से बढ़ने लगते हैं, और ट्यूमर बनाते हैं. इससे ऑर्गन सही तरह से फंक्शन नहीं कर पाते हैं. आमतौर पर कैंसर के इलाज (Cancer Treatment) के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं, इनमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और अतिताप हाइपरथर्मिया शामिल है.
हालांकि, अगले 5 सालों में कैंसर के इलाज का तरीका बदल सकता है. जी हां, एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कैंसर के इलाज के क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में सबसे बड़ा इनोवेशन इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी (आईओ) (Immuno-Oncology Drugs) दवाओं में हो सकता है.
क्या है Immuno-Oncology Drugs?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी दवाएं कैंसर की इम्यून चिकित्सा पर आधारित होती हैं और इन्हें कैंसर के इलाज के तरीके को पूरी तरह बदलने की क्षमता दी जा रही है. ये दवाएं कैंसर के इलाज के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने वाली दवाएं होती हैं, इन्हें इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर या इम्यूनोथेरेपी ड्रग्स भी कहते हैं.
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क्या कहती है रिपोर्ट?
ग्लोबल डाटा द्वारा जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक इम्यूनोथेरेपी में नई तकनीकों जैसे चेकपॉइंट इनहिबिटर, सीएआर-टी सेल थेरेपी और कैंसर वैक्सीन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. यह रिपोर्ट 128 फार्मा उद्योग के पेशेवरों के सर्वे पर आधारित है. इसे कैंसर के इलाज में एक नई दिशा के रूप में देखा जा रहा है.
बदलेगा कैंसर के इलाज का तरीका
ग्लोबल डाटा के हेल्थकेयर डिवीजन के वरिष्ठ निदेशक उर्टे जैकीमाविसियुटे के मुताबिक, इम्यूनोथेरेपी क्षेत्र में प्रगति से कैंसर के इलाज के तरीके पूरी तरह से बदल सकते हैं और उनका मानना है कि इस क्षेत्र में आने वाले समय में अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार उपलब्ध होंगे, जो कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे.
जैकीमाविसियुटे कहते हैं कि कैंसर के इलाज के लिए प्रभावी दवाओं की आवश्यकता लगातार बनी हुई है और इस दिशा में इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी इसका समाधान प्रस्तुत कर सकती है. उनका मानना है कि ये दवाएं न केवल कैंसर की कड़ी ट्रीटमेंट का हिस्सा बन सकती हैं, बल्कि कैंसर के इलाज की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बना सकती हैं.
मोटापा-रोधी दवाएं भी हैं महत्वपूर्ण
वहीं मोटापा-रोधी दवाएं भी फार्मा उद्योग के लिए एक प्रमुख नवाचार क्षेत्र मानी गई हैं, इसमें जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट जैसी दवाएं मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. ये दवाएं भी वैश्विक स्वास्थ्य संकट के समाधान के रूप में उभर रही हैं. रिपोर्ट की मानें तो इन दवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और इसके जरिए मोटापे से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं का समाधान हो सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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अगले 5 साल में बदल जाएगा कैंसर के इलाज का तरीका, Immuno-Oncology दवाओं में होगा बड़ा इनोवेशन: रिपोर्ट