डीएनए हिंदी: सर्दी का मौसम आते ही यूरिक एसिड का लेवल हाई हो जाता है. इसके मरीजों में यूरिक एसिड के लक्षण सामने आने लगते हैं. इनमें व्यक्ति का चलना फिरना तो दूर उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. जॉइंट्स में दर्द और सूजन बढ़ने लगती है. गाउट की समस्या के साथ ही किडनी भी प्रभावित होती है. इन सबके पीछे यूरिक एसिड का लेवल होना है. यह प्यूरीन के एकत्र होने पर ट्रिगर होता है, जिसके चलते यूरिक एसिड खून में मिलकर जोड़ों की हड्डियों के बीच क्रिस्टल के रूप में जम जाता है. यह उंगलियों से लेकर घुटनों तक की हड्डियों में गैप पैदा कर देता है. इसकी वजह भयंकर दर्द के साथ ही सूजन हो जाती है. इसी की वजह से व्यक्ति का उठना बैठना मुश्किल हो जाता है. अगर आप भी यूरिक एसिड से परेशान हैं तो इसे बथुआ के साग से ही कंट्रोल किया जा सकता है. 

अगर आप भी ठंड के मौसम में हाई यूरिक एसिड से परेशान हैं तो डाइट में बथुआ का साग शामिल कर लें. नियमित रूप से इसका सेवन करने पर यूरिक एसिड का लेवल आसानी से कंट्रोल हो जाएगा. हाथ पैर के जोड़ों में होने वाला दर्द और सूजन आसानी से गायब हो जाएगा...

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सर्दियों में खाया जाता है बथुआ

सर्दियों में मुख्य रूप से खाया जाने वाला बथुआ कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों में से एक है. इसमें विटामिन ए, बी, सी से लेकर एंटीऑक्सीडेंट्स और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसे खाने से ही कई सारी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. सर्दियों में ज्यादातर घरों में बथुआ के पराठों से लेकर साग खाया जाता है.

यूरिक एसिड को करता है कंट्रोल

सर्दियों के मौसम में बथुए के पत्तों का रस और इसका साग व सब्जी खाने मात्र से यूरिक एसिड का लेवल धीरे धीरे कम हो जाता है. इसके खाने से बॉडी में जमा टॉक्सिक पदार्थ बाहर हो जाते हैं. इसके पत्तों में मिलने वाले पोषक तत्व आपकी हड्डियों में होने वाली समस्याओं को दूर करते हैं. क्रिस्टल्स को पिघलाने से लेकर दर्द और सूजन में आराम करते हैं. अगर आपको बथुआ का जूस पसंद नहीं है तो नियमित रूप से इसका साग और सब्जी और रायता बनाकर पी सकते हैं. 

इन 4 समस्याओं में है कारगर 

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पाचन शक्ति करता है बूस्ट

बथुआ में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यह आपके डाइजेशन को ठीक करता है.  इसमें मौजूद पानी बॉडी ​को डिटॉक्स करता है. लिवर से लेकर आंतों में जमने वाले टॉक्सिंस को फ्लश आउट कर देता है. बथुआ खाने से कब्ज तक से छुटकारा मिल जाता है. 

बालों को बनाएं जड़ों से मजबूत

आज के समय में ज्यादातर लोग झड़ते और कमजोर बालों से परेशान हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए डाइट में बथुआ को शामिल कर लें. इसमें मिलन वाले विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स बालों को जड़ों से मजबूत करते है. यह हेयर फॉल को रोकने के साथ ही बालों को मजबूत करते हैं. यह डायबिटीज मरीजों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है. यह शुगर को भी आसानी से कंट्रोल करता है. 

वजन को करता है कम

सर्दियों में ज्यादा खानपान की वजह से वजन बढ़ने लगता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए बथुआ का सेवन शुरू कर दें. इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन के साथ ही लो कैलोरी भूख को कंट्रोल करती है. यह पेट को भरा रखती है, जिससे खाने की तलब कम हो जाती है. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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हाई यूरिक एसिड में खा लें बथुआ का साग, जोड़ों और उंगलियों के दर्द से
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हाई यूरिक एसिड में खा लें बथुआ का साग, जोड़ों और उंगलियों के दर्द से लेकर इन 4 समस्याओं की हो जाएगी छुट्टी

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