डीएनए हिंदीः अगर आप वसा और कार्ब्स दोनों में नफरत करते हैं और ढेर सारा प्रोटीन ये सोच कर खा रहे की ये आपके वेट से लेकर मसल्स के लिए हेल्दी है तो आपके लिए ये खबर खास है. प्रोटीन अच्छा है लेकिन तभी जब इसे संतुलित तरीके से खाया जाए. यही नहीं, कुछ बीमारियों में प्रोटीन जहर समान होता है.
मजबूत हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और शरीर के लिए प्रोटीन एक आवश्यक पोषक तत्व है और यह हजारों विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका शरीर सर्वोत्तम कार्य करता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अधिक हमेशा बेहतर होता है.
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नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन ( National Academies of Medicine) प्रोटीन से दैनिक कैलोरी का 10 से 35 प्रतिशत (50 ग्राम से 175 ग्राम के बराबर) लेने की सिफारिश करती है. लोग अक्सर वजन कम करने या टोनिंग के लिए हाई प्रोटीन डाइट लेते हैं, कैशेक्सिया जर्नल में प्रकाशित एक समीक्षा में पाया गया कि तय मात्रा से अधिक प्रोटीन का सेवन शरीर को कोई लाभ नहीं देता है, बल्कि ये नुकसान ही पहुंचाता है. यहां तक की एथलेटिक प्रदर्शन पर कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं होता पाया गया. रिपोर्ट में पाया गया कि बहुत अधिक प्रोटीन खाने से स्वस्थ व्यक्ति को लाभ से अधिक नुकसान ज्यादा होता है. लंबे समय तक बहुत अधिक प्रोटीन खाने से किडनी, लिवर और हड्डियों के लिए ही नहीं, हृदय रोग और कैंसर के जोखिम में भी वृद्धि कर सकता है.
इन रोगों में प्रोटीन कभी न खाएं
1-अगर आप किडनी की किसी भी तरह का समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको प्रोटीन डाइट लेने से बचना होगा.
2-यूरिक एसिड के मरीजों को लिए भी हाई प्रोटीन डाइट लेना मना है. किडनी डैमेज का खतरा प्रोटीन बढ़ा देता है.
3-इसके अलावा पाइल्स, गठिया, पीलिया, कब्ज, कमजोर पाचन वाले लोगों को हाई प्रोटीन डाइट से परहेज कराना चाहिए.
चलिए जान लें कि ज्यादा प्रोटीन खाने से क्या परेशानी होती है
1. बार-बार टायलेट जाना
अगर आपको बार-बार पॉटी जाना पड़ता है तो ऐसा बहुत अधिक प्रोटीन खाने के कारण हो सकता है. किडनी एक बार में सीमित मात्रा मे प्रोटीन प्रोसेस कर पाती है, इसलिए प्रोटीन अगर अधिक लिया जाए तो किडनी बार-बार और धीरे-धीरे कचरा निकलती है. यही कारण है कि एक बार में पेट साफ नहीं होता है. जो लोग पौधे-आधारित और कम वसा वाले डेयरी प्रोटीन आहार अपनाते हैं, उनमें उच्च मांस, पशु-आधारित प्रोटीन और कम कैल्शियम आहार खाने वालों की तुलना में गुर्दे की पथरी विकसित होने का जोखिम कम होता है.
2. स्ट्रेस या डिप्रेसिव फील करना
हाई-प्रोटीन डाइट स्ट्रेस के लिए भी जिम्मेदार होता है. ज्यादा प्रोटीन लेने से डिप्रेसिव फील होता है. लाइफस्टाइल जीनोमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक हाई-प्रोटीन डाइट, लो फैट जैसे हेल्दी डाइट से भी वयस्कों में अवसाद के जोखिम बढ जाते हैं. स्टडी में पाया गया कि कम कार्ब भी चिंता, अवसाद और तनाव से जुड़ा होता है. असल में कार्बोहाइड्रेट सेरोटोनिन को रिलीज करता है लेकिन जब कार्ब्स कम लिए जाते हैं तो "फील गुड" महसूस कराने वाला ये हार्मोन भी कम हो जाता है, इसलिए चिंता और अवसाद का खतरा ज्यादा होता है.
3. कब्ज़ और पाइल्स की समस्या
हाई-प्रोटीन डाइट में अक्सर फाइबर में कम होते हैं खासकर जब आपको ये प्रोटीन पशु उत्पाद से मिलते हैं. ऐसे में पाइल्स से लेकर कब्ज और पेट में भरीपन की समस्या होती है. ये आपके पाचन तंत्र पर कहर बरपा सकता है. फाइबर आपकी आंतों में सब कुछ स्थानांतरित करने में मदद करता है और यह केवल पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है, जिसमें साबुत अनाज, फलियां, सब्जियां, फल, नट और बीज शामिल हैं. अगर आप मीट-मछली के साथ फाइबर नहीं लेते तो आपके लिए ये सही नहीं है.
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4. वजन का बढ़ना
हाई-प्रोटीन डाइट की अक्सर प्रशंसा की जाती है. कहा जाता है कि हाई-प्रोटीन डाइट से एक सप्ताह में कम से कम एक या दो इंच तक कम किया जा सकता है लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव में ये सही डाइट प्लान साबित नहीं होता है. हाई-प्रोटीन डाइट का पालन करने वाले अकसर बहुत कम कार्ब्स लेते हैं इससे शरीर सुस्त होने लगता है और सुबह की कसरत करने और कम ऊर्जा महसूस होने लगती है. इससे वेट कम होने की जगह बढ़ने लगता है.
5. हर समय थकान का रहना
रात आठ घंटे की अच्छी नींद के बाद भी आप थके रहने लगें तो ध्यान दें कि कहीं आप हाई-प्रोटीन डाइट तो नहीं ले रहे हैं. अधिक प्रोटीन खाने से आपका शरीर थका हुआ महसूस कर सकता है. हाई-प्रोटीन डाइट आपके गुर्दे, यकृत और हड्डियों पर दबाव डाल सकती है-जिसके कारण उन्हें ओवरटाइम काम करना पड़ता है. इसके अलावा, बहुत कम कार्ब्स खाने से हमारा दिमाग प्रभावित हो सकता है, जिससे हम हर दिन तेज, केंद्रित और ऊर्जावान नहीं रह पाते हैं.
6. सांसों से बदबू आना
यदि आप कीटो आहार यानी हाई-प्रोटीन डाइट पर है तो आपकी सांसों में बदबू हो सकती है. ऐसा तब होता है जब आप स्वस्थ कार्ब्स के बजाय प्रोटीन और वसा के सेवन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, इससे आपके शरीर में एसीटोन (नेल पॉलिश रिमूवर में घटक!) जैसी भयानक गंध वाले कीटोन्स बनने लगते हैं.
7. यूरिक एसिड का अधिक बनना
उच्च पशु-आधारित प्रोटीन आहार खाने वालों का यूरिक एसिड हाई रहता है. इससे जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ती है. यही नहीं गुर्दे की पथरी विकसित होने का अधिक खतरा भी होता है. बहुत अधिक प्रोटीन खाने से अतिरिक्त अपशिष्ट निर्माण भी अधिक अम्लीय वातावरण बनाता है, जिससे आपको हर समय पेशाब करने की इच्छा होती है. समय के साथ एसिड का उत्पादन बढ़ने से हड्डियों और लीवर में भी समस्या हो सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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