डीएनए हिंदी: डायबिटीज (Diabetes) को नियंत्रित करने के लिए दवा के बाद इंसुलिन (Insulin) के इंजेक्‍शन ही सहारा बनतें हैं लेकिन अगर समय रहते आप अपनी कुछ आदतों सुधार लें तो दवा काम करती रहेगी. असल में डाय‍बिटीज में संयमित खानपान (Balance Diet) ही नहीं, जीवनशैली (Lifestyle Affect Diabetes) को होना भी जरूरी है. कई बार कुछ आदतों के चलते दवा या जड़ी-बूटियां भी शुगर को कंट्रोल नहीं कर पाती हैं. 

एक बार अगर आपको डायबिटीज हो जाए तो जीवनभर आपको इसके लिए दवा लेना होता है. जब शरीर में इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बनता तो ब्‍लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है और शरीर इसे अवशोषित नहीं कर पाता है. इसे बॉडी के अन्‍य पार्ट जैसे किडनी, लिवर और हार्ट पर भी असर पड़ने लगता है. ऐसे में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने वाले हार्मोन इंसुलिन (Insulin) की दवाएं लेनी पड़ती हैं और जब दवा भी काम नहीं करती तो इंजेक्‍शन लेना पड़ता है. तो चलिए जानें कि आखिर वो कौन सी गल‍तियां या आदत है जिससे दवाएं काम नहीं करतीं. 

मायो क्लिनिक के अनुसार वेट का अधिक होना, हाई कोलेस्‍ट्रॉल या जेनेटिक कारणों से ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का खतरा बढ़ता है.  प्री-डायबिटीक (Prediabetes) के लक्षण दिखते ही अगर जीवनशैली, खानपान पर नियंत्रण रखा जाए तो डायबिटीज होने की संभावना को आसानी से टाला जा सकता है. तो चलिए आपको बताएं वो कौन से कारण है जो आपको डाय‍िटीज की ओर ढकेलते हैं और दवाओं का असर कम करते हैं. 

एक्‍सरसाइज का न करना- अगर आप एक्‍सरसाइज नहीं करते तो आपकी दवाओं का असर कम होता जाएगा. रोजाना कम से कम 40 से 45 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता का वॉकिंग जरूर करें. इससे ब्लड शुगर खुद ब खुद नियंत्रित होने लगेगा. आप अपनी पसंद को कोई भी एक्‍सरसाइज चूज कर सकते हैं, जैसे तेज चलना, लंबी पैदल यात्रा, साइकिल चलाना, रोलरब्लाडिंग, स्किपिंग, जॉगिंग, तैराकी, या कोई भी खेल.

वजन का बढ़ते जाना: अगर आप अपने वेट पर कंट्रोल नहीं कर रहे तो आपकी शुगर की दवा का असर भी कम होता जाएगा. केवल मिठाईयां ही नहीं, बढ़ता वेट भी डायबिटीज का कारण होता है. 

खानपान की ऐसी आदतें: अगर आपको लगता है कि शुगर की दवा लेने के बाद आप कुछ भी खा सकते हैं तो ये आपकी भूल है. अगर आपने मैदे, चीनी या हाई ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स वाले फूड ज्‍यादा खाने लगें तो आपकी दवा बेअसर होने लगेगी. इस लिए दवा अच्‍छे से काम करे इसके लिए फाइबर युक्त चीजें खाएं. टमाटर, मिर्च, फल, पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, फूलगोभी, बीन्स, छोले और दाल, साबुत अनाज का सेवन आपके लिए सेहतमंद हो सकता है.

अनहेल्दी फैट: वसायुक्त खाद्य पदार्थ कैलोरी में उच्च होते हैं और इन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए। वजन कम करने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए, आपके आहार में असंतृप्त वसा वाले विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए, जिन्हें अच्छे वसा कहा जाता है। मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा दोनों हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के स्तर और अच्छे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में जैतून, सूरजमुखी, कुसुम, बिनौला और कैनोला तेल, नट, बादाम, मूंगफली, अलसी और कद्दू के बीज, वसायुक्त मछली जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, टूना और कोड का सेवन आपके लिए जरूरी है।

तनाव: डायबिटीज की दवाएं बेहतर काम नहीं करेंगी अगर आप तनाव में रहेंगे. तनाव से रक्तचाप बढ़ जाता है और तनाव हार्मोन के कारण ब्लड शुगर का लेवल भी बढ़ने लगता है. अतिरिक्त तनाव हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है. रात में आठ घंटे की नींद लें, फिल्में देखें, संगीत सुनें, स्टैंड-अप कॉमेडी देखे, अपने पसंदीदा लोगों के साथ टाइम बिताए. इससे तनाव कम होगा. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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इन गलतियों के कारण बढ़ता ही जाता है शुगर
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इन गलतियों के कारण बढ़ता ही जाता है शुगर 

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Diabetes: शुगर की दवा ही नहीं, हर जड़ी-बूटी होगी बेअसर अगर नहीं बदली ये 5 आदतें