डीएनए हिंदी: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) पर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें यह आशंका जाहिर की गई है कि अगर दुनिया पर्यावरण के लिए एकजुट नहीं होगी तो स्थितियां बेहद भयावह होंगी.
नासा ने आशंका जाहिर की है कि दुनियाभर में पर्यावरण में बदलाव देखने को मिल रहा है, ऐसे में वैश्विक नेता एक हों और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होकर एक्शन प्लान तैयार करें.
नासा ने हाल ही में इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) रिपोर्ट पर दुनिया भर में समुद्र के स्तर में बदलाव का विश्लेषण किया और चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से कुल 12 भारतीय तटीय शहरों के पानी में डूबने की आशंका है.
किन शहरों के पानी में डूबने की है आशंका?
1. मुंबई
मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी कहते हैं. यह सबसे व्यस्त शहरों में से एक है. बीते कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन यहां बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आईपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ऐसे ही क्लाइमेट चेंज का असर यहां दिखता रहा तो पूरा मुंबई शहर पानी के 1.9 फीट नीचे जा सकता है. मुंबई पूरी तरह से डूब सकती है.
2. चेन्नई
चेन्नई दक्षिण भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक है. चेन्नई की भी गिनती देश के व्यस्ततम शहरों में होती है. यह शहर भी जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है. रिपोर्ट में चेन्नई को खतरनाक लिस्ट ( terrifying list) में रखा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई में जलवायु परिवर्तन की वजह से करीब 1.87 फीट पानी के नीचे डूबने सकती है. इसके लक्षण अभी से नजर भी आ रहे हैं.
3. मंगलौर
मैंगलोर कर्नाटक के शीर्ष शहरों में से एक है. यह शहर अपने प्राचीन समुद्री तटों और सुंदर पर्यावरणीय नजारों के लिए विख्यात है.आईपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस शहर पर क्लाइमेट चेंज का खतरा मंडरा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो यह शहर पानी के नीचे 1.87 फीट तक डूब सकता है.
4. भावनगर
भावनगर शहर गुजरात में स्थित है. यह राज्य के तटीय क्षेत्र में स्थित है और अपने जीवंत इतिहास के लिए विख्यात है. यह शहर अपने वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भी प्रसिद्ध है. रिपोर्ट के मुताबिक ये ये अभयारण्य जोखिम में हैं क्योंकि आने वाले वर्षों में यह इलाका 2.70 पानी में डूब सकता है.
5. मुरगांव
मुरगांव गोवा में है. यहां खूबसूरत समुद्र तटों की वजह से सालभर बड़ी संख्या में लोग आते हैं. इस शहर पर भी अब क्लाइमेट चेंज का खतरा मंडरा रहा है. ऐसी आशंका जताई गई है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह इलाका 2.06 फीट पानी में डूब जाएगा.
इन शहरों पर भी मंडरा रहा खतरा
क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान का असर कई अन्य शहरों पर भी पड़ना तया है. तूतीकोरिन, खिदिरपुर, पारादीप, ओखा, विशाखापत्तनम और कांडला जैसे शहरों के भी पानी में डूबने की आशंका है. रिपोर्ट के मुताबिक तूतीकोरिन 1.9 फीट, खिदिरपुर 0.49 फीट, पारादीप 1.93 फीट, ओखा 1.96 फीट, विशाखापत्तनम 1.77 फीट और कांडला 1.87 फीट गहरे पानी में डूब सकता है.
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