इजरायली क्षेत्र में UNRWA पर प्रतिबंध लगाने और UN एजेंसी के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने के फैसले का लाखों फिलिस्तीनियों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये तमाम लोग प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर निर्भर हैं. कहा जा रहा है कि अगर कोई हस्तक्षेप नहीं होता तो प्रतिबंध 90 दिनों के अंदर लागू हो जाएगा. आने वाले दिनों में नेसेट में मतदान से इजरायल को UNRWA कर्मचारियों को वर्क परमिट देने से भी रोका जाएगा और इजरायली अधिकारियों को एजेंसी के साथ काम करने से रोका जाएगा.

यदि ऐसा हुआ तो गाजा में सहायता की पहुंच और पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक में UNRWA स्कूलों और चिकित्सा सुविधाओं का भविष्य काफी जटिल हो जाएगा.ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी सहित इजरायल के कई करीबी सहयोगियों ने इजरायली सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया था लेकिन उनकी अनदेखी की गई.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इसके 'विनाशकारी परिणाम' होंगे. वहीं ब्रिटेन ने भी इस मामले में चिंता जाहिर की है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा कि वे इजरायल के इस रवैये से 'गंभीर रूप से चिंतित' हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग भी इजरायल के इस रवैये पर गंभीर हुआ है और उसने चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंध को वापस नहीं लिया जाता तो अमेरिकी कानून के तहत इसके निहितार्थ हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वाशिंगटन इजरायल को हथियारों के हस्तांतरण पर पुनर्विचार कर सकता है. '

बता दें कि अमेरिकी कानून देश को मानवीय पहुंच से इनकार करने वाले किसी भी व्यक्ति को सैन्य सहायता प्रदान करने से रोकता है. हालांकि इजरायल का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि सहायता अभी भी उन लोगों को प्रदान की जाए जिन्हें इसकी आवश्यकता है. 

गौरतलब है कि UNRWA, संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी, 1948 के अरब-इजरायल युद्ध में विस्थापित फिलिस्तीनियों का समर्थन करने के लिए 1949 में स्थापित की गई थी.

आज यह गाजा, पूर्वी यरुशलम, पश्चिमी तट, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में लगभग छह मिलियन फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क सफाई, वित्तीय स्टार्ट-अप ऋण और आवास सहित सेवाएं प्रदान करता है. इज़राइल लंबे समय से फिलिस्तीनी शरणार्थियों की स्थिति से असहमत रहा है.

7 अक्टूबर से, इजरायल ने बार-बार और जोरदार तरीके से UNRWA पर हमास का मुखौटा होने का आरोप लगाया है.  इजरायल का दावा है कि हमास ने हथियारों को छिपाने और हमलों की योजना बनाने के लिए स्कूलों और अस्पतालों का इस्तेमाल किया.

यद्यपि यूएनआरडब्ल्यूए के नौ कार्यकर्ताओं को हमास से संबंध रखने के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन इजरायल के कई दावे बहुत कम साक्ष्यों के साथ किए गए हैं.

कई देशों ने एजेंसी को कुछ समय के लिए निधि देना बंद कर दिया था, लेकिन लगभग सभी ने इसे बहाल कर दिया है. इजरायल ने यूएनआरडब्ल्यूए को एक आतंकवादी संगठन करार दिया है. देखना दिलचस्प रहेगा कि इस संस्था पर भविष्य में इजरायल क्या रुख अख्तियार करता है.  

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से. 

Url Title
Israel to ban UNRWA might have devastating impact on millions of Palestinians western world concerned
Short Title
UNRWA पर बैन की वकालत कर रहा Israel, फैसले से भूखों मरेंगे लाखों फिलिस्तीनी
Article Type
Language
Hindi
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
जैसे हाल हैं गाजा में लोग दो वक्त के खाने के मोहताज हैं
Date updated
Date published
Home Title

Israel-Hamas War : UNRWA पर बैन की वकालत कर रहा इजरायल, क्या इस फैसले से भूखे मरेंगे लाखों फिलिस्तीनी?

 

Word Count
514
Author Type
Author