पाकिस्तान में पोलियो के खिलाफ जंग अभी भी जारी है. यहां मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान से नए मामले सामने आने के बाद सक्रिय मामलों की कुल संख्या 50 तक पहुंच गई है. अब तक बलूचिस्तान से कम से कम 24 मामले, सिंध से 13, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) से 11, पंजाब और इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए हैं. मंगलवार को बच्ची में वाइल्ड पोलियो वायरस (डब्ल्यूपीवी1) पाया गया, जो केपी के टैंक से पोलिया का दूसरा मामला है.
पोलियो टीकाकरण का विरोध
पाकिस्तान में लोग पोलियो के टीकाकरण का विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोग डॉक्टरों का सहयोग नहीं कर रहे हैं. पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पोलियो टीकाकरण मुहिम का विरोध हो रहा है. खबरों के मुताबिक, स्वास्थ्य कर्मियों पर भी हमले किए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों के सहयोग न करने से बच्चों के संक्रमित होने की संभावना बढ़ गई है. कई विशेषज्ञों ने पोलियो वायरस के फैलाव को रोकने में पाकिस्तान सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए हैं.
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कहीं पाकिस्तान बीमारी का केंद्र न बन जाए?
स्थानीय लोगों द्वारा बीमारी को खत्म करने में सहयोग न करने पर दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग-अलग हिस्सों में पोलियो के मामलों में दिलचस्प गिरावट देखी गई है. हालांकि उसने चेतावनी दी है कि नवीनतम मामलों का पता चलना एक खतरनाक और चिंताजनक इशारा है. दुनियाभर की सरकारों ने पोलियो को खत्म करने में अपनी पूरी कोशिशें की हैं. हालांकि, अभी भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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