जिस बीमारी को भारत ने 13 साल पहले खत्म कर दिया था, वह अब पाकिस्तान में पैर पसार रही है. दरअसल, हम पोलियो (Polio) बात कर रहे है. पाकिस्तान में पोलियो का एक और मामला सामने आया है. इसी के साथ इस साल पोलियों के मामलों की संख्या बढ़कर 68 पहुंच गई है. लोगों को लकवाग्रस्त कर देने वाली इस घातक बीमारी पर नियंत्रण के राष्ट्रीय प्रयासों के लिए एक झटका है.
पाकिस्तान के प्रमुख अस्पताल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ( NIH) के अनुसार, पोलियो संक्रमण का नया मामला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में सामने आया है. एनआईएच में पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला ने सोमवार को डीआई खान में देश के 2024 के 68वें वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी 1) मामले का पता लगाने की पुष्टि की.
पड़ोसी देश में इस साल बलूचिस्तान में 27, खैबर पख्तूनख्वा में 20, सिंध में 19 और पंजाब-इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आ चुके हैं. पोलियो एक लकवाग्रस्त करने वाली बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है. पाकिस्तान 4.5 करोड़ बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो चुका है. लेकिन मामले थम नहीं रहे हैं.
भारत में 2011 में आया आखिरी केस
भारत ने मार्च 2014 में खुद को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था. देश में आखिरी केस 13 जनवरी 2011 को सामने आया था. देश में पोलियो से मुक्ति के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया. भारत में जब पोलियो संक्रमण के मामले चरम पर थे, तब 6 लाख से ज्यादा पोलियो बूथ बनाकर इसे जड़ से खत्म किया गया. हर महीने देशभर में बच्चों को दो बूंद पोलियो से बचने के लिए दवा पिलाई जाती थी.
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जिस बीमारी को भारत ने जड़ से खत्म किया, वो अब पाकिस्तान में बनी महामारी, अब तक 68 केस