Yala Glacier Death: ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में ग्लेशियर्स का तेजी से पिघलना जारी है, जिसे लेकर पर्यावरण विज्ञानी चेतावनी दे चुके हैं. अब हिमालय के याला ग्लेशियर को मृत घोषित कर दिया गया है यानी अब इस ग्लेशियर पर और बर्फ नहीं जमेगी. इस ग्लेशियर की 'मौत' पर शोक जताने और उसे श्रद्धांजलि देने के लिए दुनिया भर के विज्ञानी और पर्यावरणविद् पहुंचे हुए हैं.
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याला ग्लेशियर (Yala Glacier) नेपाल के लांगटांग क्षेत्र में मौजूद है. समुद्र तल से करीब 5,100 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद इस हिमनद (बर्फ की नदी) ग्लेशियल पर बर्फ लगातार पिघल रही है. इसके चलते साल 1970 से अब तक यह ग्लेशियर करीब 66 फीसदी सिकुड़ चुका है और यह अपनी मूल स्थिति से करीब 784 मीटर पीछे हट चुका है.
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याला ग्लेशियर पर लगातार पिघल रही बर्फ के बीच अब इसे 'डेड ग्लेशियर' घोषित कर दिया गया है. पर्यावरण विज्ञानियों का मानना है कि अब इसमें पर्याप्त बर्फ नहीं बची है यानी यह अपना ग्लेशियर रूप खो चुका है और अब दोबारा ग्लेशियर के रूप में वापस नहीं लौट सकेगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्लेशियर पर बची हुई बर्फ भी 2040 या उससे पहले ही पूरी तरह खत्म हो जाएगी.
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याला ग्लेशियर को मृत घोषित किए जाने के बाद इसकी मौत का मातम मनाने के लिए इसके ऊपर एक शोक सभा का आयोजन किया गया. मंगलवार (13 मई) को आयोजित इस शोकसभा में भारत, नेपाल, भूटान, चीन समेत पूरी दुनिया से पर्यावरण विज्ञानी, ग्लेशियोलॉजिस्ट्स, ट्रैकिंग के शौकीन लोग पहुंचे. ये सभी लोग बेहद कठिन ट्रैकिंग करने के बाद ग्लेशियर तक पहुंचे और वहां स्थानीय नेपाली समुदाय की तरफ से आयोजित की गई पारंपरिक शोक सभा में शामिल हुए.
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याला ग्लेशियर दुनिया का तीसरा ऐसा ग्लेशियर है, जिसे मृत घोषित किया गया है. हालांकि एशिया में ऐसा दर्जा पाने वाला यह पहला ग्लेशियर है. इससे पहले आइसलैंड के ओक ग्लेशियर को साल 2019 में और मेक्सिको के आयोलोको ग्लेशियर को साल 2021 में मृत घोषित किया गया था. पर्यावरण विज्ञानी इसे जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्परिणामों से जोड़कर देख रहे हैं और आने वाले सालों में साफ पानी का सबसे बड़ा स्रोत कहलाने वाले ग्लेशियरों के पूरी तरह खत्म होने से पूरी दुनिया में भयंकर पेयजल संकट पैदा होने की आशंका जता रहे हैं.
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हिमालय को अपने ग्लेशियरों के कारण दुनिया में सबसे बड़ा साफ पानी का भंडार माना जाता है, लेकिन यहां ग्लेशियर लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हिमालय में मौजूदा सदी के खत्म होने तक करीब 54,000 ग्लेशियर हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे, जिससे पानी . पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी से बढ़ी ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में पर्वतों की चोटियों से करीब 9 लाख ट्रिलियन बर्फ पिघल चुकी है.
Short Title
कहां था हिमालय का Yala Glacier, जिसकी हो गई 'मौत', पूरी दुनिया से 'अंतिम संस्कार
yala glacier disappearance due to climate change scientists monks local communities and environmentalist gathered for funeral of the Nepal yala glacier