Phoswal Literature Festival 2023: दिल्ली में शुरू हुआ चार दिनी महोत्सव, वक्ता बोले- वैश्विक ईश्वर न हिंदू था न मुसलमान

SAARC Writers: भक्ति, सूफी और बौद्ध धर्म पर प्रो हरबंस मुखिया, केटीएस राव और शैल मायरा ने अपने विचार रखे. प्रो मुखिया ने कहा, 'भक्तिकाल के कवि कबीर ने एक वैश्विक ईश्वर से हमारा परिचय करवाया. वह ईश्वर न हिंदू था न मुसलमान. उन्होंने प्रथाओं और लोगों के संकुचित विचारों में जकड़े ईश्वर को मुक्त किया.'

Literaria 2023: गायन, विमर्श और मंचन से भरापूरा रहा महोत्सव का दूसरा दिन

Literaria 2023 2nd Day: लिटरेरिया 2023 के दूसरे दिन शनिवार की शुरुआत वसु गंधर्व के गायन से हुई. बालमुकुंद गुप्त की रचना 'शिवशंभु के चिट्ठे' पर केंद्रित संवाद सत्र 'अंग्रेजी राज में शिवशंभु के चिट्ठे' का आयोजन हुआ. अंत में ऋतेश कुमार के निर्देशन में प्रहसन 'वको ध्यानम्' का मंचन हुआ.

Literaria 2023 का पहला दिन: विचार पर भी केंद्रित करना होगा अपना सरोकार : उदय प्रकाश

Literaria 2023 First Day: पहले दिन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता आलोचक सुधीश पचौरी ने की. उन्होंने अपने वक्तव्य में व्यंग्य के महत्त्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि हम‌ सबके‌ भीतर ‌एक‌ परसाई है जो ताकतवर,‌ शोषक‌ वर्ग के विरुद्ध व्यंग्य के‌ माध्यम से प्रतिरोध व्यक्त करता है.

Literaria 2023: नीलांबर के वार्षिकोत्सव लिटरेरिया 2023 का आयोजन 1 से 3 दिसंबर तक सियालदह में

Literaria 2023: लिटरेरिया फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन नीलांबर द्वारा घोषित 'रवि दवे सम्मान' और 'निनाद सम्मान' क्रमशः विनय शर्मा और अजय राय को दिए जाएंगे. इस तीन दिनी समारोह में विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञों का अलग-अलग पैनल विचार-विमर्श करेगा. साथ ही काव्य पाठ और नाट्य मंचन होंगे.

DNA Exclusive: साहित्यकार-पत्रकार संजय कुंदन इन्हें नहीं मानते हैं जेन्युइन रचनाकार

Writer Vision: वरिष्ठ कवि, कथाकार और नाटककार संजय कुंदन की कविताओं में विरोध के स्वर तो हैं, लेकिन अपनी पूरी शालीनता के साथ. अपनी कविताओं में संजय कुंदन जिरह करते हुए दिखते हैं, इस जिरह से एक ऐसा रास्ता खुलता दिखता है, जो आपको आंदोलन की दिशा में ले जाता है. पढ़ें उनसे हुई विस्तृत बातचीत के कुछ अंश.

DNA Exclusive: साहित्य अकादेमी के बाल साहित्य पुरस्कार 2023 से नवाजे गए सूर्यनाथ से विशेष बातचीत

Fiction Writer: सूर्यनाथ सिंह का नया बाल उपन्यास है 'मशीनों का सत्याग्रह'. इस उपन्यास में उन्होंने 22वीं सदी की कल्पना की है जहां मशीनें भी मनुष्यों के साथ काम करती नजर आएंगी. इसके बाद कैसे मशीनों ने अपने लिए नागरिकता की मांग की और कैसे सत्याग्रह किया - इसका रोचक विस्तार पढ़ें इस उपन्यास में.

पीड़ा से उबरकर लिखी गई कविता होती है शार्प - बोलीं पल्लवी त्रिवेदी - आ रही मेरी चौथी किताब

Writing Process: साहित्यकार पल्लवी त्रिवेदी बोलीं जब आप पीड़ा में होते हैं और लिखते जाते हैं तो वह सिर्फ भाव भर होता है, उसमें जो कवित्त भाव होना चाहिए वह छुप जाता है. मैं पीड़ा के वक्त लिखी बात पर दोबारा तब काम करती हूं जब उससे उबर जाती हूं. मेरा निजी अनुभव रहा है कि तब वह शार्प कविता बनती है.

दिल्ली में तीन दिवसीय हंस साहित्योत्सव 2023 का आयोजन 27 अक्टूबर से, एंट्री मुफ्त, जानें लोकेशन

Hans Sahityotsav: हंस साहित्योत्सव 2023 का उद्घाटन 27 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे होना है. तीन दिनी यह आयोजन दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के एमपी थिएटर में होगा. देशभर के प्रमुख लेखक, आलोचक, रंगमंच कलाकार, निर्देशक और सिनेमा से जुड़े लोग शिरकत करेंगे.

Nobel Prize 2022: एनी एनॉक्स को साहित्य का नोबेल, पिता के साथ संबंधों पर लिखी किताब से मिली थी चर्चा

फ्रांस की लेखिका एनी एनॉक्स ने साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता है. वह अपनी किताबों में समाज का यथार्थ चित्रण करने के लिए मशहूर हैं.