Do not do this work on Vinayak Chaturthi: मार्गशीर्ष माह की पहली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. और यह इस साल का आखिरी विनायक चतुर्थी व्रत है. जो लोग आने वाले वर्ष में गणेश जी की कृपा चाहते हैं वे इस दिन व्रत रखते हैं. 2024 का विनायक चतुर्थी व्रत 5 दिसंबर गुरुवार यानी आज मनाया जा रहा है. कहा जाता है कि विनायक चतुर्थी पर जो लोग गणपति की पूजा करते हैं उन्हें कुछ चीजें नहीं करनी चाहिए. अगर आप विनायक चतुर्थी के दिन ये काम करते हैं तो समाज में आपका सम्मान खत्म हो जाएगा. धन की हानि होगी.
चांद भूलकर भी न देंखे आज
ऐसा माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने से संकट या परेशानियां दूर हो जाती हैं. जब भी अप्पितप्पी चंद्रमा को देखता है तो "शमंतक मणि" की कहानी पढ़ता है और भगवान गणेश से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. कहा जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन गणपति ने चंद्रमा को श्राप दिया था कि जो भी चंद्रमा को देखेगा उस पर झूठ बोलने का आरोप लगेगा. इससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंचती है. इसलिए इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित है.
बहस-झगड़ा करने से बचें
इस दिन दूसरों से बहस करने या झूठ बोलने से बचना चाहिए. जितना हो सके नकारात्मक विचारों से बचें. अगर आप विनायक चतुर्थी के दिन ये गलतियां करते हैं तो आपको अशुभ फल मिलेगा. तो ऐसी गलतियां न करें.
तामसिक भोजन न करें
विनायक चतुर्थी के दिन भूलकर भी घर में तामसिक भोजन न करें और न ही बनाएं. ऐसा कहा जाता है कि यह व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव का संकेत देता है. इस शुभ दिन पर आपको मांस, शराब और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. विनायक चतुर्थी के दिन केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए . पीसी: Pexels
गणेश जी की पीठ की ओर न देखें
मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि गणपति की पीठ पर दरिद्रता का वास होता है. ऐसे में आपको विनायक चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा करते समय उनकी पीठ को नहीं देखना चाहिए . इससे आपके जीवन में वित्तीय समस्याएं आ सकती हैं.
चतुर्थी व्रत करने के क्या लाभ हैं
विनायक चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से संतान को सुख, आर्थिक और मानसिक रूप से शुभ परिणाम मिल सकते हैं. यह व्रत सुख और सौभाग्य में वृद्धि करता है. लेकिन इस व्रत को करते समय अपनी सेहत का भी ख्याल रखें. यदि आप ऐसा करने में सक्षम हैं तो ही ऐसा करें.
गणपति पूजा से जुड़े कुछ नियम ये रहे:
- गणेश जी की मूर्ति को घर लाने से पहले घर और स्नान करना चाहिए.
- मूर्ति को साफ़ कपड़े से ढककर लाना चाहिए.
- गणेश जी की मूर्ति को मिट्टी की लेनी चाहिए.
- मूर्ति को स्थापित करने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए.
- मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए और उसका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए.
- मूर्ति को लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए.
- मूर्ति के बगल में ऋद्धि-सिद्धि रखनी चाहिए या उनकी जगह सुपारी रखी जा सकती है.
- मूर्ति के दाईं ओर कलश रखना चाहिए और उसमें जल भरना चाहिए.
- गणेश जी को दूर्वा, फूल, चंदन, रोली, वस्त्र, जनेऊ, अक्षत, धूप, दीप, शमी पत्ता, पीले पुष्प और फल चढ़ाना चाहिए.
- गणेश जी को मोदक और फल का भोग लगाना चाहिए.
- गणेश जी की पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
- पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करनी चाहिए.
- गणेश जी की मूर्ति को कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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आज विनायक चतुर्थी पर रात में न करें ये काम वरना संतान-संपत्ति सब चला जाएगा, ये है गणपति पूजा के नियम