हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व है. हमें ग्रह-नक्षत्रों की कृपा पाने के लिए दान करना पड़ता है. अमावस्या, पूर्णिमा, एकादशी, संक्रांति, विशेष पर्व आदि पर दान करने का विशेष महत्व है. मंदिर में दान करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है. घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. मंदिर में भोजन, मिट्टी, धन, श्रम, छाते, माचिस, बैठने की चटाई आदि वस्तुएं दान की जा सकती हैं.
दान कैसे करें?
मंदिर में कोई भी वस्तु दान करने से पहले भगवान का ध्यान करें और उनका नाम जपें. दान करते समय गहरी सांस लें और उसे रोककर रखें.
मंदिर में क्या दान करना चाहिए?
आसन दान: किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थान पर आसन दान करने से पूजा का पुण्य मिलता है.
छाता दान: किसी भी धार्मिक स्थान पर छाता दान करने से धन-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
माचिस दान: किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थान पर गुप्त रूप से माचिस दान करने से आपके बाल, बुद्धि और आत्मविश्वास में बहुत वृद्धि होती है.
दीपदान: मंदिर में दीपदान करने से ग्रह शांत होते हैं और भगवान की कृपा से संतान वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
ध्वज दान : किसी भी मंदिर में लाल त्रिकोण या नारंगी झंडा दान करने से आपके मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
घंटी दान करना: मंदिर या किसी धार्मिक स्थान पर घंटी दान करने से आपके और आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है.
मिट्टी का दीपक दान करना: मंदिर में मिट्टी का दीपक दान करने से आपकी कुंडली में पितृ दोष कम हो जाता है.
जल कलश दान करना: किसी मंदिर में जल कलश दान करने से जीवन में सुख-शांति के साथ-साथ मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है.
तुलसी दान: किसी भी मंदिर में तुलसी का पौधा लगाने या तुलसी के गमले में उगाई गई तुलसी का दान करने से आपकी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है.
कपूर का दान: यदि आप मंदिर में कपूर दान करते हैं तो निश्चित रूप से आपकी सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी और आप सभी रोगों से मुक्त हो जाएंगे.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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मंदिर में क्या चीजें जरूर दान करनी चाहिए
मंदिर में इन वस्तुओं के दान से समृद्धि, मान-सम्मान की होगी प्राप्ति, पितृ दोष होगा दूर