अभी साइंस फिक्शन फिल्म कल्की खूब चर्चा में है. इस फिल्म में महाभारत के कुछ अंश भी जुड़े हैं. इस फिल्म ने अश्वत्थामा को भी एकबार फिर से जीवित कर दिया है. वैसे, सनातनी संस्कृति में यह मान्यता बहुत गहरी है कि अश्वत्थामा आज भी जीवित हैं. सनातनी संस्कृति में अष्ट चिरंजीवियों की बात कही गई है. इन आठ चिरंजीवियों में अश्वत्थामा भी एक हैं.

दरअसल, द्रोणाचार्य और कृपी के पुत्र हैं अश्वत्थामा. कहा जाता है कि महाभारत युद्ध से पहले गुरु द्रोण हिमालय प्‌हुचे. वहां तमसा नदी के तट पर एक दिव्य गुफा में तपेश्वर नामक स्वयंभू शिवलिंग था. यहां गुरु द्रोण और उनकी पत्नी कृपि ने शिव की तपस्या की. तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया. इसी वरदान से अश्वत्थामा का जन्म हुआ. खास बात यह थी कि जन्म से ही अश्वत्थामा की ललाट पर एक अमूल्य मणि थी. यही मणि अश्वत्थामा को दैत्य, दानव, शस्त्र, व्याधि, देवता, नाग आदि से निर्भय रखती थी. साथ ही अश्वत्थामा को बुढ़ापे, भूख, प्यास और थकान से भी बचाती थी.

महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद रात के समय पांडवों के शिविर में चुपके से घुसे अश्वत्थामा.
महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद रात के समय पांडवों के शिविर में चुपके से घुसे अश्वत्थामा.

महाभारत युद्ध के 18वें दिन अश्वत्थामा कौरव सेना के सेनापति बनाए गए थे. लेकिन इससे पहले अपने पिता गुरु द्रोण के साथ मिलकर अश्वत्थामा ने पांडवों की सेना को तहस-नहस कर दिया था. अश्वत्थामा ने युद्ध के दौरान द्रुपदकुमार, शत्रुंजय, बलानीक, जयानीक, जयाश्व और राजा श्रुताहु का भी वध किया था. पांडव सेना की इस हालत को देखकर श्रीकृष्ण ने एक कूटनीति सुझाई जिसके तहत प्रचारित किया गया कि अश्वत्थामा मारा गया. इस बात को प्रसारित करने के दौरान यह बात छुपा ली गई कि यह अश्वत्थामा एक हाथी था. तो जब गुरु द्रोण के सामने यह बात आई तो उन्होंने समझा कि उनका पुत्र मारा गया है और वे शोकमग्न हो गए. उन्होंने शस्त्र रखा दिया. ठीक इसी समय पांचाल नरेश द्रुपद का बेटा धृष्टद्युम्न ने उनका वध कर दिया.


इसे भी पढ़ें : Mahabharata Secrets Revealed: कैसे हुआ था Draupadi का जन्म और क्यों मिले उन्हें 5 पति


महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद अश्वत्थामा ने अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध लिया. छुपकर वह पांडवों के शिविर में पहुंचा और रात को कृपाचार्य व कृतवर्मा की सहायता से पांडवों के शेष वीर महारथियों का वध कर डाला. इस दौरान उसने अराजक और अनैतिकता की हदें पार कर दीं. अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की विधवा उत्तरा की कोख में पल रहे उनके पुत्र परीक्षित पर ब्रह्मशिर अस्त्र का प्रयोग किया. यही नहीं, उसने पांडवों और द्रौपदी के सभी पांच पुत्रों का भी वध कर दिया. तब पांडवों ने उसे पकड़ लिया. कृष्ण ने संकेत दिया कि इसका सिर काटकर द्रौपदी के चरणों में रख दो. पर पांडवों ने ऐसा नही किया और उसे जीवित ही द्रौपदी के पास ले गए. द्रौपदी ने अश्वत्थामा के गुरुपुत्र और ब्राह्मण होने के नाते उसे क्षमा कर दिया. लेकिन भीम का क्रोध शांत नहीं हुआ. इस पर श्रीकृष्ण ने कहा, “हे अर्जुन! शास्त्रों के अनुसार पतित ब्राह्मण का वध भी पाप है और आततायी को दंड न देना भी पाप है. अतः तुम वही करो जो उचित है.” उनकी बात समझ कर अर्जुन ने खड्ग से अश्वत्थामा के केश काट डाले और उसकी ललाट से दिव्य मणि भी निकाल दी. 


इसे भी पढ़ें : Mahabharata Secret Revealed: भीष्म के घायल हो जाने के बाद ही युद्धभूमि में उतरा कर्ण, ये थी वजह


इसके बाद श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा के पतित कर्मों के कारण ही उसे 3 हजार वर्ष तक जीने का शाप दिया था. श्रीकृष्ण ने कहा था कि जैसा पतित कर्म कर द्रौपदी की ममता को सदा के लिए शोक संतप्त तूने किया है, उसी तरह तू भी अपने इस ललाट के घाव के साथ जीवित रहेगा. तू मृत्यु मांगेगा पर तेरी मृत्यु नहीं होगी. तू वैसी ही पीड़ा भोगता हुआ जीवित रहेगा जैसी पीड़ा तूने दूसरों को दी है. तुझे कभी शांति नहीं मिलेगी. इसके पश्चात ही अश्वत्थामा को कोढ़ रोग हो गया था. स्कंद पुराण के अनुसार, बाद में ऋषि वेद व्यास की सलाह पर अश्वत्थामा ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की. अंततः भगवान शिव ने अश्वत्थामा को श्रीकृष्ण के श्राप से मुक्त कर दिया. कहा जाता है कि यही वह क्षण था जब अश्वत्थामा भगवान शिव के आशीर्वाद से अमर हो गए थे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़े.

Url Title
Mahabharata Secrets Revealed How Ashwatthama become immortal
Short Title
Mahabharata Secrets Revealed: कैसे अमर हुए Ashwatthama
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा.
Caption

द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा.

Date updated
Date published
Home Title

Mahabharata Secrets Revealed: कैसे अमर हुए Ashwatthama

Word Count
741
Author Type
Author