डीएनए हिंदी: इंसान के शरीर में पेट एक संवेदनशील अंग होता है. कई बार खराब या दूषित खाना खाने पर पेट खराब हो जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि खाना ढंग से न पचे तो एसिडिटी समेत कई दूसरी समस्याएं भी होने लगती हैं. दूसरी तरफ, पेट में ही एक ऐसा तरल पदार्थ मौजूद होता है, जो कठोर से कठोर चीजों को पचा सकता है. इसी की मदद से खाना पचता है. खाना पचाने के लिए यही एसिड ज़रूरी होता है. यह इतना शक्तिशाली होता है कि अगर यह इंसान के शरीर पर कहीं पड़ जाए तो चमड़ी बुरी तरह जल सकती है. इसकी ताकत इतनी होती है कि अगर गलती से इंसान रेज़र ब्लेड भी खा ले तो उसका पेट उस ब्लेड को पचा लेगा.
इंसान का पेट में काफी जटिल प्रक्रियाएं होती हैं. इन्हीं प्रक्रियाओं का नतीजा होता है कि आप जो कुछ भी खाते हैं उससे अलग-अलग चीजें निकाल ली जाती हैं. उदाहरण के लिए पेट को एक ऐसी मशीन समझिए जो खाने से अलग-अलग चीजों को छांट लेती है. जैसे आपने दाल, रोटी, चावल और सब्जी खाई. अब पेट इस खाने को प्रोसेस करता है. इस प्रोसेस में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, पानी और बाकी दूसरी चीजें अलग कर दी जाती हैं.
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पेट के अंदर मौजूद एसिड है खतरनाक!
खाने को पचाने के लिए पेट के अंदर गैस्ट्रिक जूस होता है. इसी गैस्ट्रिक जूस में हाईड्रोक्लोरिक एसिड मौजूद होता है. हाईड्रोक्लोरिक एसिड का pH मान 2 होता है. pH मान किसी भी एसिड की ताकत को नापता है. pH की वैल्यू 0 से 14 तक होती है, जिसका pH जितना कम वह उतना ही ताकतवर एसिड. यानी 2 pH का मतलब है कि हाइड्रोक्लोरिक एसिड किसी भी चीज को गला देने की क्षमता रखता है.
कई प्रयोगों में यह सामने आया है कि ब्लेड के टुकड़े 15 घंटों में गल जाते हैं. मोटे ब्लेडों को गैस्ट्रिक जूस धीरे-धीरे गला देता है. एक प्रयोग में जब 24 घंटे बाद इस ब्लेड का वजन जांचा गया तो उसका वजन पहले की तुलना में 63 प्रतिशत ही रह गया. यानी अगर पहले वजन 100 किलो रहा हो तो यह घटकर 63 किलो पहुंच गया. यानी पेट के अंदर का एसिड इस तरह की चीजों को गला देने में सक्षम है. हालांकि, गैस्ट्रिक जूस में सिर्फ़ हाइड्रो क्लोरिक एसिड ही नहीं होता. इसमें और भी कई तरह के केमिकल पाए जाते हैं. यही कारण है कि गैस्ट्रिक जूस ज्यादा प्रभावी एसिड के तौर पर काम नहीं कर पाता.
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पेट को क्यों नहीं जला देता यह एसिड?
इतना खतरनाक एसिड अगर पेट के अंदर मौजूद हो तो पेट को भी जल जाना चाहिए? आपके मन में आया यह सवाल बिल्कुल वाजिब है. इसका पहला जवाब तो यही है कि पेट के अंदर मौजूद गैस्ट्रिक जूस का pH, हाइड्रो क्लोरिक एसिड के pH की तुलना में थोड़ा सा ज्यादा होता. दूसरा जवाब यह है कि पेट के अंदर का हिस्सा म्यूकोसल प्रोटीन से बना होता है. इसमें, शुगर की परत होती है जो काफी मजबूत होती है. आपको बता दें कि शुगर, एसिड के प्रभाव को कम करता है. इसके अलावा कई सेल ऐसी होती हैं जो लगातार म्यूकस बनाती हैं. इसी से आपका पेट सुरक्षित रहता है और गैस्ट्रिक जूस पेट को जला नहीं पाता है. हालांकि, इसी संतुलन में गड़बड़ी आने पर पेट में जलन और अल्सर जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं.
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पेट के अंदर प्रोटीन की दीवार, म्युकस का कवर , शुगर और बायोकार्बोनेट का संयोजन एक मजबूर सुरक्षा कवर बनाता है. पेट के अंदर का गैस्ट्रिक जूस और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर हानिकारक होने के बावजूद आपके पेट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाता है. आपको यह भी बता दें कि हर दिन आपका पेट 3 से 4 लीटर गैस्ट्रिक जूस बनाता है और खाने को पचाने में यही गैस्ट्रिक जूस काम आता है.
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ब्लेड को भी पचा सकता है आपका पेट, समझिए कितना खतरनाक है अंदर का एसिड