सर्दियों के मौसम में अक्सर जुकाम, खांसी और गले में खराश की समस्या बढ़ जाती है. ऐसे में आयुर्वेद में इन समस्याओं से निपटने के लिए कई घरेलू उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक है आयुर्वेदिक काढ़ा. आयुर्वेदिक काढ़े में मौजूद जड़ी-बूटियों में एंटीसेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सर्दी-खांसी और जुकाम से राहत दिलाने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक काढ़ों के बारे में जो सर्दी-खांसी की समस्या से राहत दिला सकते हैं.
सर्दी- जुकाम में फायदेमंद हैं ये आयुर्वेदिक काढ़े
तुलसी का काढ़ा
आयुर्वेद में तुलसी के कई औषधीय गुण होते हैं, जो इसे बेहद उपयोगी जड़ी बूटी बनाते हैं. तुलसी के पत्तों में एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सर्दी-जुकाम और फ्लू से लड़ने में मदद करते हैं.तुलसी का काढ़ा पीने से गले की खराश, खांसी और बुखार से राहत मिलती है.
अदरक का काढ़ा
अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सर्दी और खांसी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. अदरक का काढ़ा पीने से नाक बंद होने, सिरदर्द और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है. अदरक को कद्दूकस करके पानी में उबालें. इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और शहद भी मिलाया जा सकता है.
हल्दी का काढ़ा
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. हल्दी का काढ़ा पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है और सर्दी-जुकाम से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. हल्दी को दूध में उबालकर इस काढ़े को तैयार किया जा सकता है. इसमें आप थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं.
दालचीनी का काढ़ा
दालचीनी में एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सर्दी और फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. दालचीनी का काढ़ा पीने से गले की खराश, खांसी और बुखार से राहत मिलती है. दालचीनी की छाल को पानी में उबालकर यह काढ़ा तैयार किया जा सकता है. इसमें थोड़ा सा शहद भी मिलाया जा सकता है.
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काली मिर्च का काढ़ा
काली मिर्च में पिपेरिन नामक तत्व पाया जाता है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. काली मिर्च का काढ़ा पीने से नाक बंद, सिरदर्द और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है.
लौंग का काढ़ा
लौंग में एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सर्दी और खांसी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. लौंग का काढ़ा पीने से दांत दर्द और गले की खराश से राहत मिलती है. यह काढ़ा लौंग को पानी में उबालकर बनाया जा सकता है. आप इसमें थोड़ी सी दालचीनी भी मिला सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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Ayurvedic Kadha For Cough and Cold
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