डीएनए हिंदी : योग न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी अच्छा होता है. योग के महत्व को बताने के लिए और लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस यानी इंटरनेशनल योग दिवस(International Yoga Day 2022) मनाया जाता है.

योग की उत्पत्ति भारत से ही मानी जाती है. भारत में योग का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना बताया जाता है. आधुनिक काल में योग और इसके फायदे की पुनर्स्थापना का श्रेय स्वामी विवेकानंद को दिया जाता है. स्वामी जी ने अपने शिकागो सम्मेलन भाषण में पूरी दुनिया को योग का संदेश दिया.भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है. शास्त्रों में भी योग का उल्लेख मिलता है. ऋग्वेद में भी योग की पूरी व्याख्या है. योग पर आधारित पुस्तकों का एक संग्रह अभी भी भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय में पाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस(International Yoga Day 2022) हर साल 21 जून को मनाया जाता है. दुनिया इस साल 8वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी. हर साल इस दिन लोग बड़ी-बड़ी जगहों पर इकट्ठा होते हैं और एक साथ योग करते हैं. योग के अमूल्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. रोजाना योग करने से आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह तनाव और चिंता को दूर करने में भी मदद करता है. योग मोटापे से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है. साथ ही यह कई तरह की बीमारियों और बीमारियों से निजात दिलाने में भी फायदेमंद होता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी इसकी पहल
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सिंतबर 2014 को योग दिवस मनाने की पहल की थी जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील के बाद, 90 दिनों के भीतर 177 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस(International Yoga Day 2022) का प्रस्ताव पारित किया. 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, जिसमें 84 देशों के 35,985 लोगों और प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर 21 योग आसन किए.

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय योग दिवस ?
वैसे तो योग किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन 21 जून को सभी को एक साथ जोड़ने के लिए निर्धारित किया गया था. इस खास दिन के लिए इस तारीख को चुनने की एक खास वजह भी है. दरअसल 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है. इस दिन सूर्य जल्दी उगता है और देर से अस्त होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य की चमक सबसे अधिक प्रभावशाली होती है और प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है.

इस  बार  क्या  होगा  खास ?
यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि इस बार 'गार्जियन रिंग' को आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा, जो  योग का स्ट्रीमिंग प्रोग्राम होगा. इसके माध्यम से विदेशों में भारतीय मिशनों द्वारा आयोजित आईडीवाई कार्यक्रमों के डिजिटल फीड को एक साथ कैप्चर किया जाएगा. इसकी शुरुआत सबसे पहले उस देश से होगी जहां से सूरज उगता है. यानी इसकी शुरुआत जापान से होगी क्योंकि जापान को उगते सूरज का देश माना जाता है. इसी के अनुसार योग दिवस का जश्न सुबह छह बजे से शुरू होगा और समय के साथ धीरे-धीरे यह कार्यक्रम आगे बढ़ता रहेगा.

International Yoga Day 2022: योगा दिवस में शामिल होने से पहले जान लें ये Protocol

इस बार International Yoga Day 2022 की थीम क्या रहेगी ?
आयुष मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल 'योगा फॉर ह्यूमैनिटी' (Yoga For Humanity) थीम चुनी गई है. जिसका मतलब है मानवता के लिए योग. इस साल इसी थीम को ध्यान में रखते हुए पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाएगा.

योग करने के फ़ायदे
योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है. योग का जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. रोजाना योग करने से शारीरिक और मानसिक रोग दूर रहते हैं. बढ़ते तनाव को कम करने के लिए और जीवन शैली से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को योग से दूर किया जा सकता है. योग करने से शरीर मजबूत बनता है. योग से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Know all about International Yoga Day 2022 its history, beginning and special
Short Title
International Yoga Day 2022 : क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
Article Type
Language
Hindi
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Yoga, International Yoga Day, Yoga Day in India
Caption

इंटरनेशनल योगा दिवस 2022

Date updated
Date published
Home Title

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत और इस बार क्या है ख़ास